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यूपी में गौहत्या पर 10 साल की सजा, यूपी कैबिनेट की बैठक में मसौदे को मंजूरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार गोवंशीय पशुओं की रक्षा और गोकशी की घटनाओं से जुड़े अपराधों को रोकने लिए अब और सख्ती करने जा रही है। इसके तहत इस तरह के अपराधों को संज्ञेय व गैरजमानती बनाया जाएगा। दंड व जुर्माने को भी बढ़ाया जाएगा। गोकशी करने पर अब दस साल की सजा होगी।

अभी तक गोवंश को नुकसान पहुंचाने पर सजा का प्रावधान नहीं था। अब इसमें एक साल से सात साल तक की सजा का प्रावधान कर दिया गया है। इस कदम से गोवंशीय पशुओं को हानि पहुंचाने व उनके गैरकानूनी व अनियमित परिवहन पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

इसके लिए सरकार उत्तर प्रदेश गो-वध निवारण (संशोधन) अध्यादेश-2020 लाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसके मसौदे को मंजूरी दे गई। विधानमंडल सत्र होने पर इसे विधेयक के रूप में दोनों सदनों से पास कराया जाएगा। इसका मकसद गोकशी की घटनाओं व गोवंश से जुड़े अपराधों को पूरी तरह रोकना है।

गोकशी करने पर अब दस साल की सजा
जो कोई धारा -3, धारा-5 या धारा-5 ‘क’ के उपबन्धों का उल्लंघन करता है या उल्लंघन करने का प्रयास करता है या उल्लंघन करने के लिए दुष्प्रेरित करता है, वह तीन साल से 10 साल की सजा पाएगा। जुर्माना तीन लाख से पांच लाख तक होगा।

अगर एक बार दोष सिद्ध होने के बाद पुन: अपराध करते पाया गया तो उसे दोहरे दंड से दंडित किया जाएगा। ऐसे अपराधों के अभियुक्तों का नाम, फोटोग्राफ, उसका निवास स्थल है, प्रकाशित किया जाएगा।

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