होटल क्लार्क ग्रैंड जब आया भूकंप, रस्सी के सहारे होटल के कमरों से निकाले गए लोग

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शहर के बीच में बसे पार्क रोड स्थित होटल क्लार्क ग्रैंड में बुधवार का नजारा रोज से अलग था। सुबह 10:40 बजे अचानक होटल का आपदा अलार्म बज उठा। लोगों को बताया गया कि तेज भूकंप आया है। सूचना पर रेस्त्रां और कमरों से दौड़ते हुए लोग बाहर भागने लगे। सूचना दी गई कि होटल की इमारत क्षतिग्रस्त हो गई है। कई लोग जख्मी भी हैं। होटल के पहले, दूसरे और तीसरे तल पर कुछ लोगों के फंसे होने की भी जानकारी मिली। तत्काल होटल की रेस्क्यू टीम और वहां उपस्थित स्थानीय लोगों ने बचाव अभियान शुरू कर घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया।
जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (डीईओसी) की सूचना पर पुलिस कंट्रोल रूम, एनडीआरएफ (आपदा संकट मोचक दल) 11वीं वाहिनी, जिला चिकित्सालय, प्रशासन, नगर निगम, अग्निशमन नागरिक सुरक्षा आदि विभागों की टीम अलर्ट हो गई और घटना स्थल पर पहुंचने लगी। पुलिस और यातायात विभाग ने चरगावां से लेकर होटल क्लार्क ग्रैंड और जिला अस्पताल तक तक ग्रीन कॉरीडोर तैयार किया। चंद मिनटों में एनडीआरएफ की टीम चरगावां से होटल पहुंची और तीव्र गति से बचाव कार्य में जुट गई। डॉक्टर और एनडीआरएफ के जवानों के एक दल ने घायलों का प्राथमिक उपचार शुरू किया। गंभीर रुप से घायल हुए लोगाें को जिला अस्पताल भेजा जाने लगा। वहीं दूसरी टीम रस्सी के सहारे होटल के पहले, दूसरे और तीसरे तल पर पहुंच गई और बच्चों, बड़ों समेत एक-एक कर रस्सी के सहारे ही बाहर निकाला।

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राहत की बात यह है कि यह पूरा बचाव अभियान तो वास्तविक था लेकिन भूकंप और लोगों के घायल होने की बात काल्पनिक थी। दरअसल यह आपदा से बचाव की तैयारियां जांचने के लिए एक वृहद मॉक ड्रिल थी जो आपदा प्रबंधन विभाग और एनडीआरएफ की तरफ से संयुक्त तौर पर आयोजित किया गया था। इसमें कई विभाग एक साथ शामिल हुए। इसकी तैयारी कई दिनों से चल रहीं थीं। इस मॉक ड्रिल के लिए प्रदेश के भीतर सिर्फ दो शहरों लखनऊ और गोरखपुर का चयन हुआ था। आपदा प्रभारी व एडीएम फाइनेंस विधान जायसवाल के मुताबिक मॉक ड्रिल पूरी तरह सफल रही। इस अभ्यास को आगे भी जारी रखा जाएगा।