हिन्द मुस्लिम एकता का मिसाल है देवरिया यह गांव
देवरिया जिले में एक गांव ऐसा है जहां होली का त्योहार मुस्लिम घरों से शुरू होता है। इस गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यह परंपरा करीब डेढ़ सौ वर्षो से चली आ रही है। यहां के मुसलमान न सिर्फ उत्साह के साथ रंग-गुलाल खेलते हैं बल्कि हिन्दू भाईयों के दरवाजे पर टोली में पहुंच कर फाग गाने के साथ ही उन्हें होली की बधाई भी देते हैं।
-गांव में डेढ़ सौ वर्षो से चली आ रही है मुस्लिम परिवारों में होली मनाने की पंरपरा
-टोली बनाकर गांव के मुस्लिम भाई हिन्दुओं के दरवाजे पर गाते हैं फाग, देते हैं बधाई
-दीपावली, छठ और दशहरा भी हिन्दू भाईयों के साथ मिल-जुल कर मनाते हैं
-मोहर्रम पर हिन्दुओं के दरवाजे पर बनते हैं चौक, रखी जाती है ताजिया
-दशहरे पर रामलीला में विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाते हैं मुस्लिम नौजवान, करते हैं रावण दहन
हम बात कर रहे हैं देवरिया की ग्राम पंचायत गुद्दीजोर की। करीब तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में सौ घर मुसलमान हैं। ये मुस्लिम परिवार हिन्दुओं के सुख-दुख में ही नहीं व्रत त्योहार में भी शामिल होते हैं। इस गांव की होली अन्य से अलग है। गांव के रहने वाले हसबुद्दीन अंसारी के घर पर दर्जनों मुस्लिम परिवारों के लोग एकत्र होते हैं। जमकर रंग-गुलाल खेलने के बाद फगुआ शुरू होता है। यहां से निकली टोली दरवाजे-दरवाजे पहुंच कर फगुआ गाते हुए हिन्दू-मुस्लिम सभी परिवारों को होली की बधाई देती है। इस दौरान लोग मिठाई व घरों में बने पकवान एक दूसरे को खिलाते हैं।