साप्ताहिक योग प्रशिक्षण शिविर एवं योग आध्यात्म शैक्षिक कार्यशाला 15-21जून तक गोरखनाथ में आयोजित

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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर महायोगी गुरु गोरखनाथ योग संस्थान एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् द्वारा साप्ताहिक योग प्रशिक्षण शिविर एवं योग-अध्यात्म-शैक्षिक कार्यशाला 15 से 21 जून, 2019 तक श्रीगोरखनाथ मन्दिर में आयोजित किया गया है।

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गोरखपुर : योग जीवन जीने की सम्पूर्ण विधा है। योग में जीवन की समग्रता व समावेशी दृष्टि दिखाई देती है। मनुष्य का जीवन महज एक सत्ता नहीं अपितु परमात्मा का अंश है। योग के माध्यम से अंश रूपी मनुष्य का अपने अंशी परमात्मा से मिलना या साक्षात्कार करना ही योग है।
उक्त बातें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो0 सभाजीत मिश्र ने श्रीगोरखनाथ मन्दिर में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तर्गत महायोगी गुरु गोरक्षनाथ योग संस्थान एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद्, गोरखपुर द्वारा आयोजित साप्ताहिक योग प्रशिक्षण शिविर एवं योग-अध्यात्म-शैक्षिक कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में कहा।

प्रो0 सभाजीत मिश्र ने कहा कि योग की जितनी विधायें हैं उनमें सबका लक्ष्य आत्मसाक्षात्कार ही है। शरीर से लेकर आत्मा तक की समग्रता को एक साथ करने की विधा ही योग है। योग दर्शन में देह की वास्तविका को स्वीकारते हुए उसको साधन के रूप में प्रयोग कर आत्मकल्याण की सिद्धि करते है। इसलिए भी इस दर्शन का महत्व भी बढ़ जाता है क्योंकि यह अमरत्व का साधन है। श्रीमद् भगवद् गीता में भी भगवान का संदेश है कि जीवन की साधारण क्रियाओं में भी परमार्थ का दर्शन करना ही योग है।

विशिष्ट वक्ता के रूप में श्री गोरखनाथ मन्दिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति एवं परम्परा में अनादिकाल से ईश्वर के द्वारा प्रदत्त एक वरदान है। जिसके माध्यम से हमारे ऋषियों ने मानव जीवन को सरलता से जीते हुए आत्मसाक्षात्कार का मार्ग बताया है। उन्होनें कहा कि योग मानव जीवन की एक ऐसी तकनीक है। जिसके द्वारा कम खर्च में सुख पूर्वक चिरंजीवी होते हुए मनुष्य अपने परमपुरुषार्थ रूपी मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। यह साप्ताहिक योग शिविर इसी उद्देश्य से गोरक्षनाथ पीठ प्रारम्भ से ही प्रति वर्ष आयोजित करती है।