Home न्यूज़ शून्य प्रतिशत रिज़ल्ट दिने वाले स्कुलों के खिलाफ कार्यवाही करेगा बोर्ड

शून्य प्रतिशत रिज़ल्ट दिने वाले स्कुलों के खिलाफ कार्यवाही करेगा बोर्ड

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परीषद (UPMSP) ने 27 अप्रैल को 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम घोषित किया है जिसमे प्रदेश के कई विद्यालयों का प्रदर्शन अच्छा रहा है लेकिन वही कुछ ऐसे विद्यालय भी हैं जिनको बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त है और उनके विद्यालय का परीक्षा परिणाम शून्य है यह ताज्जुब की बात है कि इन स्कूलों में 10वीं और 12वीं का एक भी परीक्षार्थी उत्तीर्ण नही है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद(UPMSP)नें ‘शून्य’ प्रतिशत रिजल्ट देने वाले ऐसे स्कूलों की सूची जारी कर दी है।

ये ऐसे कालेज हैं जिन्होंने बाकायदे माध्यमिक शिक्षा परिषद से हाईस्कूल व इंटर स्तर की मान्यता ले रखी है लेकिन, छात्र-छात्राओं की पढ़ाई और परिणाम से उनका कोई सरोकार नहीं है। बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब ऐसे विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस बार 10वीं में 96 स्कूलों का रिजल्ट प्रतिशत शून्य है। यहां पर कोई भी स्टूडेंट पास नहीं हुआ है। जबकि इसी क्रम में 12वीं के 69 ऐसे स्कूल रहे हैं, जहां पर एक भी छात्र परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके हैं।

बोर्ड ऐसे विद्यालयों के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहा है और इन पर मान्यता समाप्त करने व विद्यालय बंद करने तक की कार्यवाही की जा सकती है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सूची भी बोर्ड ने तैयार कराया है और मान्यता समाप्त करने से पहले बोर्ड बच्चों से उनका पक्ष भी जानेगा।

बेहतर परिणाम देने वाले टॉप शहरों के नाम तो सभी जान जाते हैं, लेकिन 0% रिजल्ट देने वाले स्कूलों में सबसे ज्यादा टॉप पर कौन सा शहर है वह भी आप जान लीजिए। ऐसे स्कूलों में यूपी का कौशांबी जिला सबसे आगे है, यानी बोर्ड मुख्यालय का पड़ोसी शहर इसमें टॉप पर है। यहां के 13 स्कूलों का रिजल्ट शून्य फीसदी रहा है। जबकि इसी कड़ी में प्रयागराज के 10, प्रतापगढ में 8, मीर्जापुर व इटावा में 6-6, बलिया व गाजीपुर में 5-5, चित्रकूट में 3 स्कूलों में रिजल्ट का प्रतिशत शून्य है। इसके अलावा कुछ अन्य जिलों में 1 से अधिक व तीन से कम की संख्या में स्कूलों का परिणाम शून्य रहा है। वहीं, इंटरमीडिएट में मैनपुर व अलीगढ़ में 7-7, प्रतापगढ व गाजीपुर में 5-5, प्रयागराज में 3, जबकि इसके अलावा 1 व 2 की संख्या में दर्जनों जिले शामिल हैं, जहां शून्य रिजल्ट आया है।

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