गोरखपुर। कहते हैं तस्वीरें बहुत कुछ बयान कर देती हैं और आज जो तस्वीर हम आपको दिखा रहे हैं वो किसी डम्पिंग यार्ड की नही बल्कि कभी शहर के नवाबों और जमीनदारों के पाश इलाके में शुमार किये जाने वाले मोहल्ला बुलाकीपुर की है। यहां आज भी नवाब साहब की कोठी मौजूद है जिसको अब लोग अपने घरों का पता बताने के लिए किसी लैंडमार्क की तरह प्रयोग करते हैं।
जफराबाज़ार से तिवारीपुर थाने की तरफ जाने वाली रोड पर दाहिने तरफ कोठी और उसके सामने वाला इलाका कभी अपनी हरियाली और खूबसूरती के लिए जाना जाता था । कोठी के सामने ही मछली पालन के लिए खोदा गया तालाब स्वच्छ भारत अभियान के नारे के बाद अपने वजूद को बचाने के लिए टकटकी लगाए व्यवस्था के हाकिमों की तरफ देख रहा है लेकिन गोरखपुर नगर निगम और भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि से अब यह महफूज़ नही रहा ।
जहाँ एक तरफ नगर निगम स्थानीय भूमाफियाओं की मिली भगत से इसका इस्तेमाल कूड़ा फेंकने के लिए डम्पिंग ग्राउंड के रूप में कर रहा है और अदालतों के तालाब बचाने के तमाम आदेश कूड़े के इसी ढेर में गुम होते जा रहे हैं वहीं आसपास बसे लोगों और आवारा पालतू जानवरों के लिए यह किसी अभिशाप से कम नही।
आज भले ही नगर निगम के जिम्मेदार सफाई व्यवस्था पर लाखों करोड़ों खर्च कर अपनी पीठ ठोंक रहे हों और अपने काम का ढिंढोरा पीटने में लगे हों लेकिन सच्चाई कागजों से निकल कर जब हक़ीक़त के धरातल पर आकर लेती है तो मोदी और योगी के स्वच्छ भारत अभियान की ऐसी ही भयावाह तस्वीर सामने नज़र आती है ।