राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का सेना पर दिया गया बयान संघ और भाजपा की खूब फजीहत किए हुए है। इसको लेकर सियासत ही नहीं, सोशल मीडिया भी गर्म हो गया है। मोहन भागवत के साथ संघ की विचारधारा को भी निशाने पर लिया जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सेना का अपमान करने के लिए मोहन भागवत से माफी तक की मांग की है। इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी संघ पर जमकर भड़ास निकाली है। मायावती ने तो मोहन भागवत को मिलने वाली सरकारी सुरक्षा पर भी सवाल उठाया है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि मोहन भागवत के सेना और संघ के स्वयंसेवकों के बीच तुलना करना बेहद आपत्तिजनक ही नहीं, अपमानजनक भी है। उन्होंने कहा, ‘भागवत को अगर अपने मिलिटेन्ट स्वयंसेवकों पर इतना ही भरोसा है तो उन्होंने अपनी सिक्योरिटी के लिए सरकारी खर्चे पर खास कमांडो क्यों लिए हुए हैं?
मायावती ने लखनऊ में जारी अपने बयान में कहा है कि ऐसे वक्त जब भारतीय सेना को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है, संघ सुप्रीमो का बेतुका बयान सेना का मनोबल गिराने वाला है। इसकी इजाजत उन्हें कभी नहीं दी जा सकती है।
इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो ने भागवत से गलत बयानबाजी के लिए देश से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘वैसे भी मोहन भागवत को संघ स्वंयसेवकों के संबंध में यह भ्रम अब दूर करना चाहिए कि वे लोग नि:स्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं।’
मायावती ने इसके पीछे की वजह गिनाते हुए कहा, ‘संघ अब एक सामाजिक संगठन ना रहकर राजनीतिक संगठन में तब्दील होता जा रहा है। संघ के स्वंयसेवक सामाजिक सेवा को ताक पर रख रहे है और पूरी शिद्दद से भाजपा की चुनावी राजनीति में व्यस्त हो रहे हैं।’