मायावती का सरकार पर तीखा हमला, देश में इमजेंसी जैसे हालात बताया
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने दलितों के बहाने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने रविवार को कहा कि दलितों को झूठे केस में फंसाया जा रहा है। बीजेपी के दलित प्रेम को जहर करार देते हुए मायावती ने कहा कि देश में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए है। उन्होंने कहा कि बीजेपी आग से खेल रही है। मायावती ने अपनी सरकार बनने पर दलितों के खिलाफ किए गए केस वापस लेने का भी ऐलान किया। मायावती ने आरोप लगाया है कि एससी एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ भारत बंद में शामिल होने वाले लोगों का पुलिस उत्पीडऩ कर रही है। माया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बीते 2 अप्रैल को बुलाया गया भारत बंद बेहद सफल रहा है, जिसने बीजेपी को परेशान कर दिया है। मायावती ने आरोप लगाया कि भारत बंद की कामयाबी के चलते ही बीजेपी शासित राज्यों में दलितों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि दलितों और उनके परिवारों को गिरफ्तार किया जा रहा है। इससे पहले शनिवार को मायावती ने देश की विपक्षी पार्टियों को अमित शाह द्वारा सांप-छछूंदर, कुत्ता-बिल्ली कहे जाने की भत्र्सना करते हुए कहा था कि भाजपा सत्ता के अहंकार व नशे में देश की जनता को मूर्खो की जमात समझने की भूल कर रही है, जबकि होशमंद जनता लोकसभा चुनाव से पहले ही उसे बार-बार ठोकरें मार रही है। अमित शाह के बयान पर मायावती ने कहा कि कुछ इसी प्रकार की अपमाननक, आपत्तिजनक व हीन भावना वाली संघी भाषा का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किया गया था, जिसके लिए जनता ने उन्हें जोरदार चाबुक लगाकर करारी हार का कड़ा सबक सिखाया है। उन्होंने कहा, जनता की चाबुक लगी, फिर भी बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अपनी आपराधिक मानसिकता व संघी चाल व चरित्र से मजबूर नजर आता है, जिसे देश की जनता कतई नजरअंदाज करने वाली नहीं है। मायावती ने कहा कि शाह का बयान यह साबित करने को काफी है कि गुरु नरेंद्र मोदी व शिष्य अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी का स्तर किस हद तक नीचे गिर गया है। आज देश की जनता के सामने यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि क्या ऐसी घोर असभ्यता व बदजुबानी देश की सत्ताधारी पार्टी को शोभा देती है? लोकतंत्र में विपक्ष का भी महत्व है, लेकिन जिन लोगों को तमीज ही नहीं है, उन्हें क्या कहा जाए।