Home न्यूज़ बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कानून को दिखाया ठेंगा !

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कानून को दिखाया ठेंगा !

आज कल खबरों में दिल्ली की सीलिंग ट्रेंड कर रही है.जहां देखो वहां प्रशासन के कुछ लोग आते हैं. दुकान हो या घर ताला लगाके सफ़ेद पट्टी पर लाल ठप्पा लगा कर चले जाते हैं. ज़मींन अपनी, घर अपना, दुकान अपनी ,शहर भी अपना, पर आखिर क्या बात है ,जब अपनी ही प्रॉपर्टी अपनी ही नहीं रह जाती।
सीलिंग के मुद्दे पर दिल्ली में खासतौर पर व्यापारियों में बवाल मचा हुआ है. और इस मुद्दे को हथियाने को लेकर राजनीतिक पार्टियों में जबरदस्त होड़ मची हुई है. दिल्ली की तीनों बड़ी राजनीतिक पार्टियां सीलिंग के मुद्दे को भुनाने के लिए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से भी बाज नहीं आ रही हैं.पिछले कुछ दिनों से सीलिंग का विरोध कुछ ज्यादा ही तेज हो गया है…
सीलिंग आखिर क्या हैं ? क्यों सीलिंग से दिल्ली वाले हैरान परेशान हैं? आईये हम आपको बताते हैं कि सीलिंग क्या हैं —
सीलिंग से मतलब उस प्रॉपर्टी के इस्तेमाल को गैरकानूनी बनाना है जिस पर किसी भी तरह के नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है.
किसी भी प्रॉपर्टी पर सील लग जाने के बाद उस प्रॉपर्टी को तब तक कोई यूज नहीं कर सकता, जब तक उस पर लगे ऑब्जेक्शन को दूर न किया जाए.
अब सवाल उठता हैं कि सीलिंग करता कौन हैं,आपको बताते चले कि ज्यादातर केसों में सीलिंग नगर निगम करता है. या फिर वो टीम जो किसी शहर के निर्माण और विकास कार्यों के लिए बनी होती है…जैसे दिल्ली में सीलिंग दिल्ली विकास प्रधिकरण (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) करता है… वैसे तो दिल्ली में सीलिंग ड्राइव को सुप्रीम कोर्ट नियुक्त एक मॉनिटरिंग कमेटी चला रही है…जिसके बाद ग्राउंड पर जाकर दिल्ली नगर निगम (MCD) इस मॉनिटरिंग कमेटी के दिशा-निर्देश पर सीलिंग करती है।उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद और दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीलिंग का मुद्दा उठा कर दिल्ली की राजनीति को एक फिर से गर्मा दिया है। बीते रविवार को सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली के गोकुलपुरी में एक मकान की सीलिंग को तोड़ दिया. फिर क्या था बवाल होना तो लाज़मी था.आम आदमी पार्टी से लेकर कांग्रेस तक बीजेपी पर हमलावर हो गई.हालांकि, सीलिंग का ताला तोड़ने पर मनोज तिवारी को कोर्ट का नोटिस भी मिल गया.एफआईआर दर्ज होने पर भी बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के तेवर में कोई कमी नहीं आई है।जिसके बाद सवाल उठना तो लाजिमी है कि

क्या सांसद मनोज तिवारी को सत्ता का नशा है जिसके चलते मनोज तिवारी को किसी का डर नहीं हैं ना ही कानून का न तो पुलिस का?

हम ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि कोर्ट के मिले कड़े निर्देश के बाद भी मनोज तिवारी ने बोला कि हम फिर से मकान की सीलिंग तोड़ेंगे।
तो अब सवाल उठता है कि सांसद द्वारा कि गई इस हरकत से पब्लिक पर क्या प्रभाव पड़ेगा।जब नेता हीकानून को ठेंगा दिखा रहा हैं तो बाकियों का क्या?
खैर अब आगे सांसद पर क्या क्या कार्रवाई होती हैं ये तो आने वाला समय ही बतायेगा।

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