प्रवीण निषाद के पार्टी में शामिल होने के बाद भी आखिर बीजेपी असमंजस में क्यों?

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प्रवीण निषाद के बीजेपी में शामिल होने के बाद यह संभवाना जताई जा रही थी कि बीजेपी जल्द ही गोरखपुर सीट से प्रवीण को प्रत्याशी बनाएगी। लेकिन प्रवीण को बीजेपी में शामिल कराना पार्टी का यह राजनीति का हिस्सा है या कुछ और बीजेपी ही जाने?लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी अपने 2 रणनीति पर काम कर रही है एक यह कि प्रवीण को बीजेपी में शामिल कराकर निषाद वोटरों को अपने साथ करना और दूसरा बीजेपी यह चाहती है कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारे उसके बाद बीजेपी अपना उम्मीदार तय करे क्योंकि गोरखपुर के राजनीति में चर्चा यह बनी हुई है कि कांग्रेस पार्टी किसी ब्राह्मण को यहां से टिकट दे सकती है और ऊपर से गठबंधन से रामभुआल निषाद के लड़ने के बाद बीजेपी यह भी सोच रही है कि अगर वह निषाद प्रत्याशी को लड़ाती है तो उसका कोर वोटर ब्राह्मण कहीं कांग्रेस के तरफ ना चले जाएं। आपको बताते चले कि गठबंधन पूरे प्रदेश सहित मुख्यमंत्री के जनपद में भी दमदारी से चुनाव लड़ रहा है और गठबंधन जातिगत समीकरण में भी फिट बैठ रही है।इसीलिए बीजेपी चाहती है कि अपने बेस वोट सहित सभी जातियों में सामंजस बैठाकर चुनाव लड़े ताकि उपचुनाव की तरह इस बार के चुनाव में गलती ना हो।

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