प्रदेश में फिर आएगा यूपीकोका, योगी ने पेश किया बिल

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प्रदेश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश में प्रदेश सरकार जुटी हुई है. संगठित अपराध पर लगाम लगाने के मकसद से चार महीने पहले विधानसभा में योगी सरकार की ओर से पेश किया यूपीकोका बिल एक बार फिर मंगलवार को सदन के सामने रखा गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बिल को प्रदेश की बेहतरी की दिशा में उठाया गया जरूरी कदम बताते हुए विपक्ष से सहयोग करने की अपील भी की.

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बता दें कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के मकसद से योगी सरकार ने संगठित अपराधों को रोकने की पहल की थी. इस दिशा में सरकार ने महाराष्ट्र सरकार के मकोका की तर्ज पर यूपीकोका बिल तैयार किया था. संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम यानि यूपीकोका बिल को विधानसभा में 21 दिसंबर को पेश किया था. निचले सदन यानि विधानसभा में सत्ताधारी दल के बहुमत की वजह से यह पास भी हो गया. लेकिन, विधान परिषद में विपक्ष के संख्याबल का असर दिखा और तमाम आपत्तियों के बाद इसे सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था. मार्च की 13 तारीख को सरकार की ओर से इस बिल पर विचार का प्रस्ताव विपक्ष के आगे कामयाब नहीं हो सका. इस कानून को सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था की दिशा में उठाया जाने वाला जरूरी कदम करार दे फिर से विधानसभा में मंगलवार को पेश किया गया. सरकार ने इसे पेश करते हुए दावा किया कि इस कानून के आने से अंडरवर्ल्ड, जबरन वसूली, जबरन कब्जे, वेश्यावृत्ति, अपहरण, फिरौती, धमकी और तस्करी जैसे संगठित अपराध थमेंगे. बता दें कि विपक्ष की आपत्तियों को देखते हुए योगी सरकार इसमें थोड़ा फेरबदल कर फिर से विधानसभा में पेश कर पास कराने की कोशिश में है.