पहले मठ और अब हाता पर हावी पड़े सांसद प्रवीण निषाद..

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आयुष द्विवेदी

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गोरखपुर।

“प्रवीण निषाद” 2018 के उपचुनाव से पहले इस नाम को कोई नहीं जानता था पर 2018 में हुए गोरखपुर के उपचुनाव के बाद ये नाम लगभग सभी के जुबान पर चढ़ गया था। तबके प्रवीण निषाद कुछ और थे और आज कुछ और, उस समय प्रवीण निषाद ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ा था और योगी के प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ला को लगभग 22 हज़ार वोटों से शिकस्त दी थी। तब वह समाजवादी पार्टी में थे और आज प्रवीण बीजेपी के सांसद है।

प्रवीण निषाद गोरखपुर में हुए उपचुनाव में बीजेपी के कई वर्षों से चली आ रही बदसाहद को तोड़ा और उसके बाद वह पूरे प्रदेश सहित देश मे चर्चा का विषय बन गए। प्रवीण ने मुख्यमंत्री के संसदीय सीट को छीन लिया। 2019 के लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही उनके निषाद पार्टी और सपा में सीटों के लिए ठन गयी जिसके बाद निषाद पार्टी ने सपा को दरकिनार कर बीजेपी का दामन थाम लिया। प्रवीण निषाद के बीजेपी में शामिल होने के बाद लोगों को लग रहा था कि इस बार बीजेपी उनको गोरखपुर से अपना प्रत्याशी बनाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बीजेपी ने प्रवीण निषाद को गोरखपुर छोड़ सन्तकबीरनगर से प्रत्याशी बनाया।