आज जोधपुर अदालत में बलात्कार के आरोप संबंधित मामले में आसाराम के खिलाफ फैसला सुनाएगी।इस फैसले को ध्यान में रखते हुए जोधपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई और कई जगह धारा 144 लागू की गई है। अगर आसाराम को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें कम से कम दस साल की सजा हो सकती है। कानून व्यवस्था पर खतरे को ध्यान में रखते हुए केन्द्र ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा सरकारों से सुरक्षा बढाने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा क्योंकि इन तीनों राज्यों में 77 साल के आसाराम के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं।उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की की शिकायत पर आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के मनाई इलाके में स्थित अपने आश्रम में उसे बुलाया और 15 अगस्त 2013 की रात में उसके साथ बलात्कार किया।आसाराम केस में फैसला पॉक्सो एक्ट के लिए भी अहम माना जाएगा क्योंकि की एक गुरु शिष्य के रिश्ते को तोड़ते हुए एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार हुआ और बलात्कार उन लोगों ने किया और करवाया जिन पर उसकी सुरक्षा और परवरिश की ज़िम्मेदारी थी। आसाराम के जोधपुर के आश्रम में अब सिर्फ कुछ चुनंदीदा लोगों को ही रहने की इजाजत दी गई है। उनमें से एक है शिवा है जो आसाराम का मुख्या सेवादार है और इस मामले में सह आरोपी भी है।अब आज देखना ये होगा कि इस मामले में कोर्ट आशाराम और उसके सेवादार पर क्या फैसला सुनाती है।