गोरखपुर विश्वविद्यालय का 37 वां दीक्षांत समारोह आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ इस समारोह के मुख्य अतिथि विश्व प्रसिद्ध इसरो के चेयरमैन थे। उन्होंने अपने संबोधन में छात्र राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने का आवाहन किया।
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उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जब मैं आप लोगों को अपने सामने देखता हूं मुझे आप सभी लोगों में अपना थोड़ा सा अक्स नजर आता है मुझे अपना विद्यार्थी जीवन याद आ रहा है और मेरे मस्तिष्क में यह बात आ रही है कि एक दीक्षांत समारोह के वक्ता के रूप में यहां मेरी उपस्थिति किसी चमत्कार से कम नहीं है।
मैंने जीवन मे जब जब जो जो चाहा उसकी बजाय कुछ और मिला और इसीलिए मैं इस नतीजे पर पहुंचा की जब आपको कोई चीज नही मिलती तो इसका मतलब यही है कि कोई बड़ी चीज आपको मिलने वाली है।
कल जब आप राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी कमर कसेंगे तो तीन चीजें हैं जो आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे ।
पहला अपने डर पर विजय प्राप्त करना, दूसरा निर्धारित जोखिम उठाना और तीसरा ऐसी विचारधारा जो नवोन्मेष हो। नई ऊंचाइयों व सफलता को पाने के लिए नवाचार व सकारात्मक सोच का होना आवश्यक है ।
इस समय हम जिन खोजों अविष्कारों व लाभों का उपयोग कर रहे हैं वे सभी नवाचार व किसी बिंदु पर हुई आकस्मिक खोजों का परिणाम है ।
मेरी आप सभी लोगों को सलाह है कि कुछ नया करने का खतरा उठाइए बिना इस डर के कि आप सफल होंगे।
हो सकता है कि असफलता मिले लेकिन हर असफलता हमें कुछ नया करने के लिए अगला कदम उठाने का मौका देगी ।इस क्रम में हमें इस रास्ते पर मनचाहा फल मिलेगा।
हमें दो में से किसी एक को चुनना है या तो हम आरामदायक स्थिति में बने रहे व कुछ भी नया ना करें या फिर आराम की स्थिति से बाहर आकर थोड़ा खतरा उठाएं। यदि आप हमेशा आरामदायक स्थिति में रहना चुनते हैं तो एक समय के बाद प्रतिस्पर्धा के खेल से आप बाहर हो जाएंगे ।
*अपने अजीबोगरीब विचारों को छोड़ मत दीजिए क्योंकि वास्तविकता यह है कि दुनिया के बहुत से सफलतम अविष्कार इन ही अजीबोगरीब विचारों के कारण हुए हैं*
हमेशा सीखते रहिए ।*
शिक्षा एक जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है अगर आप ध्यान से देखें तो आप पाएंगे कि इसरो का दर्शन यह है कि विकास कई गुना होना चाहिए और ऐसा विकास पारंपरिक तरीकों से संभव नहीं है ।ऐसा केवल कुछ नया करके और इस खतरे को उठाकर ही किया जा सकता है ।
उपग्रहों के प्रक्षेपण का काम अत्यंत जोखिम भरा है ।अगर आप अंतरिक्ष उद्योग में एक बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते हैं तो इसके लिए आप को अनिवार्य रूप से कुछ नया करने का खतरा उठाना होगा ।
29 मार्च 2018 को पी एस एल वी का प्रक्षेपण विफल हो गया ।12 अप्रैल 2018 को उसी का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया ।
आज भारत दूसरे नंबर का एक ऐसा देश है जहां पर इंटरनेट का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है लेकिन रफ्तार के मामले में हम दुनिया में 6 नंबर पर हैं ।
जून 2017 में gsat-19 का प्रक्षेपण किया है ।इस वर्ष इसरो gsat-11 gsat-19 का प्रक्षेपण करेगा ।यह सब सेटेलाइट के माध्यम से किया जाएगा जिससे हमें 100 kbps से अधिक की डेटा स्पीड मिलेगी ।
जनवरी 2019 में चंद्रयान 2 मिशन प्रस्तावित है। हम जानते हैं कि 50% से अधिक चंद्र मिशन असफल हो चुके हैं लेकिन फिर भी हम खतरा उठाएंगे । प्रक्षेपण का स्थान 70 डिग्री अक्षांश होगा जहां इससे पहले कोई नहीं किया है ।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने निश्चय किया है कि भारतीय मानव अंतरिक्ष अभियान का उद्देश्य 2022 में भारत की स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ से पूर्व मानव का अंतरिक्ष ले जाना और पुनः धरती पर वापस लाना है।
हमने जुलाई 2018 में चालक दल बचाव प्रणाली विकसित किया है ।कुछ लोगों को याद होगा कि 11 अक्टूबर 2018 को सोयूज राकेट के असफल होने के दौरान चालक दल बचाव प्रणाली ने अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन की रक्षा की थी ।सदी के पिछले 50 वर्षों में तमाम विकास के बावजूद हमारे पास अभी कुछ समस्याएं हैं जिनका समाधान नहीं हो पाया है जैसे भूख और गरीबी, अच्छा स्वास्थ्य व स्वच्छता ,पीने योग्य स्वच्छ पानी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सुव्यवस्थित रोजगार के अवसर, कृषक वर्ग के आय में बढ़ोतरी ,स्वच्छ ऊर्जा व स्वच्छ पर्यावरण आदि ।
इसरो ने त्वरित क्षमता निर्माण कार्यक्रम कार्यालय की स्थापना की है ताकि अंतरिक्ष के क्षेत्र में शिक्षा और उद्योग दोनों में भागीदारी की जा सके ।इसका उपाय यह है कि पूरे देश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित शोध की गतिविधियों को देखा जाए।
मेरा विचार है राष्ट्र के विकास के लिए विज्ञान प्रौद्योगिकी आवश्यक है ।
मैने कल ही कुलपति जी से कहा कि यदि गोरखपुर विवि हमें प्रस्ताव भेजे तो हम यहां भी अंतरिक्ष विज्ञान का कोई केंद्र खोलना चाहेंगे।
*मैं फिर कहूंगा कि चांद के लिए उछाल भरो। अगर तुम चूक जाओगे तो सितारों तक पहुंच सकते हो। खुशियां बांटो ।अपने उन सपनों का पीछा करो जो उम्मीद से परे है। और जाओ दिलचस्प अनोखी और शानदार गलतियां करो। नियमों को तोड़ो और दुनिया को अधिक आनंददायक बनाओ।*