लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही जिस तरीके से निषाद पार्टी ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी का साथ पकड़ा है तो कहीं न कहीं ये सवाल तो खड़ा करता ही है। कल तक बीजेपी और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलने वाले निषाद पार्टी के लोग आखिर एक ही झटके में बीजेपी में क्यों शामिल हो गए? चुनाव से पहले हुए इस गठबंधन को गोरखपुर के समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रामभुआल निषाद ने डील बताया है जोकि 50 करोड़ में हुई है।
रामभुआल निषाद ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी और निषाद पार्टी के बीच 50 करोड़ में सौदा हुआ है। यहीं नहीं उन्होंने बोला कि संजय निषाद निषाद जाति के लोगों को बेच रहे है। उन्होंने कहा संजय निषाद को जाति के आरक्षण के बारे में मात्र चुनाव के समय ही याद आता है बाकी दिनों वो मलाई खाते रहते है। संजय निषाद ने कहा कि सपा से टिकट पर बात नहीं बनी तो महोदय बीजेपी की गोद मे जा बैठे। आपको बता दे कि निषाद पार्टी और बीजेपी के बीच हुए गठबंधन के बाद ये माना जा रहा है कि गोरखपुर के मौजूदा सांसद प्रवीण निषाद को बीजेपी अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। ये वही प्रवीण निषाद है जो उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ के उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला को शिकस्त देकर लोलसभा पहुँचें थे। अब देखना होगा कि बीजेपी अपना उम्मीदवार किसे घोषित करती है।