तो क्या सीएम योगी को रोकना ममता बनर्जी को पड़ेगा भारी?

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कोलकाता में चल रहा सियासी खेल तो किसी से छुपा नहीं है मगर सवाल उठता है कि क्या अभी तक जहां सब कुछ पश्चिम बंगाल में सही चल रहा था तो अचानक से आखिर ऐसा क्या हुआ कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के धर्मतल्ला नामक जगह से केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ जाती है। लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय बचा नहीं है और जिस तरीके से पूरे देश में मौहाल बनाया जा रहा है उसपर कहीं ना कहीं सभी को सोचने की जरूरत है।

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आपको बता दे दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पश्चिम बंगाल दौरा था लेकिन ममता बनर्जी ने योगी आदित्यनाथ के हेलीकाप्टर को वहां उतरने की इजाज़त नहीं दी जिसके बाद सीएम योगी ने लखनऊ कार्यालय से ही फोन पर बैठ कर जनसभा को सम्बोधित किया। यहीं नहीं इससे पहले भी ममता बनर्जी ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पश्चिम बंगाल में एंट्री नहीं दी थी। ये सब हुआ और जिस दिन योगी आदित्यनाथ का दौरा रोका गया उसी शाम बंगाल में CBI अधिकारी चिट फंड घोटाले में पूछताछ करने पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुँचती है जिसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और सीबीआई अफसरों में बहस होती है और पहली बार ऐसा होता है जब पुलिस सीबीआई को ही गिरफ्तार कर लेती है।

खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के पक्ष में उतरती हैं और केंद्र सरकार के खिलाफ शाम में ही धरने पर बैठ जाती हैं। आपको बता दे ममता बनर्जी का रूप है कि मोदी सरकार के इशारे पर सीबीआई काम कर रही है जो कि सरासर गलत है और ये संविधान के खिलाफ है।

अब आपको बताते है क्या है पूरा मामला: