तो क्या घूस के पैसे पर ऐशो-आराम करने की बात कर थे संस्था के संचालक महोदय !

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कुछ ढोंगियों द्वारा जो अपने आप को समाजसेवी कहते हैं,उनके द्वारा एक संस्था जिसका नाम “स्माइल रोटी बैंक” हैं,गोरखपुर सहित अन्य जगहों पर चल रहा हैं और मासूम लोगों के भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रहा हैं।कुछ दिन पहले गोरखपुर लाइव टीम ने अपने एक वीडियो के जरिये लोगों को दिखाया था कि जिस बच्चों को पढ़ाने लिखाने की बात संस्था के संचालक करते हैं वही बच्चे स्टेशन पर सलूशन(नशा) लेते नजर आ रहे हैं।इस खबर पर गोरखपुर लाइव की टीम ने इस संस्था से पहले जुड़े लोगों से बात भी की थी जिसमे तमाम बातें सामने आई थी।संस्था छोड़ चुके लोगों ने बताया था कि किस प्रकार बच्चों के नाम पर लोगों की जेब काटने का काम करती है “स्माइल रोटी बैंक” नामक संस्था..इस संस्था के संचालक महोदय ने गोरखपुर लाइव को बताया था कि वो अब तक 400 से 500 बच्चों को नशे की लत से छुटकारा दिला चुके हैं परन्तु ग्राउंड जीरो पर पाया गया कि जिन 400 से 500 बच्चो का नशा छुड़ाने की बात इस संस्था के संचालक महोदय कर रहे थे वह बिलकुल ही गलत था और तो और संस्था के संचालक “आजाद पाण्डेय” को भारत के शिक्षा प्रणाली पर भरोशा नहीं है।तो जनाब अब यहां एक सवाल उठता है कि::-
1-क्या बच्चों को स्कूल ना भेजकर संस्था के संचालक आजाद पाण्डेय को कहीं इस बात का तो डर नहीं कि अगर बच्चें स्कूल गए तो कहीं उनकी दुकान ना बन्द हो जाए?
2-बच्चें पढ़ेंगे नहीं तो उनका भविष्य सुधरेगा कैसे?
खैर संचालक महोदय के मस्तिष्क में क्या चल रहा है यह तो एक सवाल है! लेकिन अब हम खबर के इतर बात करेंगे जिस आजाद पांडेय ने गोरखपुर लाइव की खबर चलने के बाद अपने पक्ष में बड़ी-बड़ी बाते कही थी क्या वास्तव में वो सच है?
आपको बताते चले कि खबर चलने के बाद संचालक महोदय ने अपने फेसबुक पर यह लिखा था कि “उनके परिवार के लोग सम्पन है उनके पास खेती हैं आदि और वो ईमानदार भी हैं ,अगर मैं(आज़ाद पांडेय) चाहूं तो आराम से अपनी जिंदगी काट सकता हूँ”

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जब गोरखपुर लाइव की टीम ने इनके परिवार के बारे में पता किया तो विश्वास मानिये हमें कुछ ऐसे पता लगा जिसको जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि क्या ऐसे भी कोई करता हैं क्या समाजसेवी को ये शोभा देता हैं?आपको बताते चले की संचालक के पिता जी एक सरकारी कर्मचारी हैं जोकि की भविष्य निधि डिपार्टमेंट में कार्यरत है और वह भी इस संस्था के प्रति काफी सक्रिय थे।बात उस समय की है जब स्माइल रोटी बैंक के सक्रीय लोग बाल भिक्षावृत्ति के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए साईकल यात्रा कर के गोरखपुर से लखनऊ जा रहे थे।

संचालक के पिता
संचालक के पिता(लाल घेरे में)

तब संस्था के संचालक आजाद पांडेय के पिताजी भी उन लोगों में शामिल थे,जो गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर साईकिल को हरी झंडा दिखाकर लखनऊ के लिए रवाना किए।अब आप सोच रहे होंगे कि अरे इसमें कौन सी बड़ी बात हो गयी तो सुनिये संस्था के संचालक आजाद पांडेय के पिता जी एक सरकारी कर्मचारी हैं और एक ग्राहक ने उनके ऊपर घूस लेकर काम करने का आरोप लगाया था जिसके बाद सीबीआई(CBI) ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ा था जिसके बाद उन्हें लखनऊ जेल में बंद कर दिया गया था।जोकि वर्तमान समय मे बेल पर बाहर हैं।

अब यहां प्रश्न यह उठता है कि संस्था के संचालक महोदय जो हमेशा अपनी ईमानदारी का सबुत फेसबुक के जरिये पेश कर रहे है तो क्या वह बताएँगे जिस एयर कंडीशन में आराम फरमाने की बात वह कर रहे थे वह किसका पैसा है?
अगर देखा जाए तो “इस्माइल रोटी बैंक” के संचालक आज़ाद पांडेय ने लोगों के भावनाओ के साथ तो खिलवाड़ किया ही साथ ही उन अधिकारियो के साथ भी छलावा किया है जो इस संस्था के जरिये बच्चों के लिए नेक कार्य का हिस्सा बने थे।गोरखपुर लाइव ने इस संस्था को छोड़ चुके तमाम लोगों से मुलाकात की पर किसी ने भी इस संस्था के संचालक द्वारा किये गए हर वादों को जूठा बताया और समाजसेवा के नाम पर लुटेरा बताया।