गोरखपुर-महराजगंज फोरलेन को जल्द पूरा करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने निर्माण को लेकर अहम बदलाव किया है। अब असुरन से लेकर गुलरिहा तक तारकोल वाली फोरलेन सड़क बनेगी। पहले असुरन से लेकर भटहट तक कंक्रीट की सड़क प्रस्तावित थी। फोरलेन का निर्माण फरवरी 2019 तक पूरा हो जाएगा।
फोरलेन निर्माण को लेकर नये बदलाव के तहत असुरन से लेकर गुलरिहा तक अब तारकोल की सड़क का निर्माण होगा। करीब 7 किमी लंबी तारकोल वाली फोरलेन सड़क निर्माण से लागत में अंतर आएगा। नये बदलाव के बाद पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदारों का दावा फोरलेन के पूरा होने का रिवाइज टॉरगेट फरवरी 2019 कर दिया गया है। सहायक अभियंता राजेश कुमार का कहना है कि तारकोल की सड़क से फोरलेन का निर्माण कम समय में हो जाएगा। इससे लागत भी कम होगी।
183 करोड़ से बन रही है फोरलेन सड़क
पीडब्ल्यूडी की गोरखपुर इकाई को गोरखपुर से परतावल तक करीब 19 किमी कंक्रीट की सड़क का निर्माण करना है। इस निर्माण 183 करोड़ रुपये खर्च होना है। गोरखपुर से महराजगंज तक फोरलेन सड़क 21 मीटर चौड़ी बन रही है। एक मीटर चौड़ा डिवाइडर भी बन रहा है।
कम होगी लागत, बचेगा समय
असुरन से लेकर गुलरिहा तक तारकोल की सड़क बनने से फोरलेन निर्माण की लागत कम होगी। एक किमी कंक्रीट वाली फोरलेन पर 8 करोड़ रुपये खर्च होंते है। वहीं तारकोल वाली फोरलेन सिर्फ 4 करोड़ में बन जाएगी। कंक्रीट की एक किमी सड़क बनाने में करीब 60 दिन लगते हैं तो वहीं तारकोल की सड़क 22 से 25 दिन में बन जाएगी। कंक्रीट की सड़क की उम्र करीब 20 वर्ष होती है तो वहीं तारकोल वाली सड़क की उम्र 10 वर्ष मानी जाती है।
अतिक्रमण हटाने के लिए लिखा पत्र
असुरन से लेकर मेडिकल तक चिन्हित करीब 750 अतिक्रमण फोरलेन के निर्माण में बाधक बना हुआ है। विभाग ने दुकानदारों और आवासीय भवन मालिकों को नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने को निर्देशित किया था लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। फर्म ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को पत्र लिख कर अतिक्रमण हटवाने का अनुरोध किया है।