गोरखपुर।
पिछले साल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के बाद चर्चा में आये डॉ. कफ़ील ने आज लखनऊ में प्रेसवार्ता कर बताया कि उनके भाई काशिफ के ऊपर हुए हमले के पीछे बीजेपी सासंद कमलेश पासवान का हाथ हैं साथ ही डॉ कफ़ील ने पुलिस पर भी सवाल खड़े किए।आपको बताते चले कि डॉ. कफ़ील के भाई काशिफ पर पिछले हफ्ते अज्ञात हमलावरों ने गोली चलाई थी जिसके बाद काशिफ एक निजी अस्पताल में भर्ती थी जहां से उन्हें लखनऊ रेफेर कर दिया गया जहां उनका इलाज चल रहा हैं।डॉ कफील ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि उनके भाई पर हुए जानलेवा हमले को 6 दिन से ज्यादा हो गया लेकिन पुलिस ने इस मामले में किसी को नहीं पकड़ा। इतना हीं नही डॉ कफील ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि जो पुलिस वाले जांच कर रहे है, वही हमलावरों के साथ मिले हुए हैं। भाई पर हमले के बारे में बताते हुए कहा कि 2 हमलावरों ने उनके भाई की पीठ पर एक गोली मारी। जो स्कूटी पर सवार थे। जो स्कूटी चला रहा था, उसने हेलमेट पहना था और दूसरे ने गमछा लपेटा था मगर मेरा भाई उसे आंखों से पहचान सकता है।साथ ही बताया कि पुलिस ने पहले मेरे भाई का फोन जब्त किया। डॉ वजाहत ने मेरे भाई का इलाज किया जिससे उसके बहते खून को रोका गया। सीओ प्रवीण सिंह ने कहा पहले मेडिकल लीगल होगा फिर एम्बुलेंस में लाद कर हम सरकारी अस्पताल पहुंचे जहां मेडिको लीगल के लिए 1 घंटा लगा, जिसके बाद सीओ ने बोला कि मैं यहां के मेडिकल से सेटिस्फाई नही हूँ। मेडिकल कॉलेज चलना पड़ेगा। मैं अपने भाई को लेकर पुलिस को बिना बताए वहां से अस्पताल के लिए भागा।इसके बाद डॉ कफील ने बीजेपी सांसद कमलेश पासवान, सतीश नंगलिया नुमान पुत्र इमाम हुसैन और निकहत आरा के षड्यंत्र पर मेरे भाई पर हमला करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसी बड़े साहब का फोन सीएम साहब के पास आ गया कि कमलेश पासवान पर हाथ मत डालना, तो सारा का सारा मामला उल्टा हो गया। मेरे भाई से किसी की दुश्मनी नहीं है। मेरे मामा की ज़मीन को लेकर पूरा मामला है, मेरे भाई मेरे मामा के साथ रहते है। मेरे मामा शफ़क़त उल्ला वारसी ने लिखित में मुख्यमंत्री को लेटर दिया था कि ये लोग हैं, जिनसे हमारे पूरे परिवार को खतरा है। लेकिन किसी ने हमारी सुनवाई नही की।डॉ कफील ने मांग है कि सीओ कैंट गोरखनाथ प्रवीण सिंह और एसपी सिटी विनय कुमार सिंह ने तकरीबन 4 घंटे इलाज में देरी करवाई। सबसे पहले इन दोनों को हटाया जाए। सस्पेंड किया जाए और उनके ऊपर जांच की जाए। पुलिस पर भरोसा नही है इसलिए हम सीबीआई जांच की मांग करते है, हम पुलिस से इसकी जांच नही कराना चाहते। गुंडे खुले घूम रहे है और हमारी और पूरे परिवार की जान को खतरा है।मुझे सिर्फ एक सिपाही मिला जो निहत्था है। उसके पास सिर्फ एक डंडा है। अगर हमला हुआ तो ये बेचारा भी मेरे साथ मारा जाएगा। अगर मुझे कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार होगी।अब देखना होगा कि डॉ. कफ़ील के इस गम्भीर आरोप के बाद यूपी सरकार द्वारा क्या कदम उठाया जाता हैं।