छठ पूजा व्रत में इन नियमों का रखे विशेष ध्यान

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छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस का शुभारंभ 31 अक्टूबर यानी आज से हो रहा है. यह पर्व चार दिन तक चलता है. नहाय-खाय से लेकर उगते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देने तक चलने वाले इस पर्व का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है।इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। व्रत के दौरान वह पानी भी ग्रहण नहीं करते हैं।

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यह व्रत संतान प्राप्ति के साथ-साथ परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भी रखा जाता है। छठ पूजा के दौरान बहुत ही विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के साथ-साथ कई नियमों का पालन करना भी बहुत जरूरी होता है।यह व्रत जितना कठिन होता है उतने ही कठिन इसके नियम होते हैं।

जानें छठ पूजा के दौरान किन 10 नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है

मान्यताओं के अनुसार प्याज और लहसुन का सेवन करना इन 4 दिनों में वर्जित माना जाता है।

छठ पूजा में सफाई का बहुत अधिक ध्यान रखना पड़ता है।इसलिए बिना साफ-सफाई के पूजा की कोई भी चीज नहीं छूनी चाहिए.

जो महिलाएं यह व्रत करती हैं वह इन दिनों में पलंग या चारपाई पर नहीं सोती बल्कि जमीन पर चादर बिछाकर सोती हैं।

सूर्य भगवान को अर्ध्य देना बहुत ही जरूरी माना जाता है।

प्रसाद तैयार करते समय खुद कुछ नहीं खाना चाहिए।
अगर आपने व्रत रखा है तो बिना सूर्य को अर्घ्य दिए जल या फिर किसी और चीज का सेवन न करें.

पूजा के दिनों में किसी को भी फलों का सेवन नहीं करना चाहिए. पूजा समाप्त होने के बाद फलों का सेवन कर सकते हैं।

एक मान्यता यह भी है कि छठ पूजा में चढ़ने वाला सभी प्रसाद का भी अपना एक अलग महत्व है, छठ पूजा में चढ़ने वाला सभी प्रसाद पाचन तंत्र को भी सही रखते हैं। इसमें प्रसाद के तौर पर विशेष रूप से ठेकुआ, गन्ना,चना,चावल के लड्डू,चूड़ा और विभिन्न प्रकार के फल महत्वपूर्ण है, जो शरीर के पाचन क्रिया में भी सहायक होते हैं।

कहा जाता है कि छठ पूजा का प्रसाद ग्रहण करने से मनुष्य के सभी विकार दूर हो जाता है।