गोरखपुर से कर रहे थे लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंडिंग,एटीएस ने किया गिरफ्तार
गोरखपुर।
गोरखपुर में चल रहा था,टेरर फंडिंग का खेल।जी हां,टेरर फंडिंग,शायद इसका मतलब आप लोगों को समझ में ही नहीं आ रहा होगा कि आखिर यह टेरर फंडिंग है क्या?
हम आपको बताते हैं, टेरर फंडिंग वह फंडिंग है जोकि टेररिस्ट यानी आतंकवादियों के लिए किया जाता है।
गोरखपुर से पाकिस्तान के खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को फंडिंग करने के मामले में 10 लोगों को एटीएस ने गिरफ्तार कर बड़ी सफलता पाई है।इस बात का आज लखनऊ में खुलासा करते हुए डीजीपी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि गोरखपुर में कल 3 लोगों को उठाया गया था वही अलग-अलग की गई छापेमारी में कुल 10 लोगों को पकड़ा गया।इनसे पूछताछ में पता चला कि ये लोग पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को फंडिंग मुहैया कराते थे। कल एटीएस ने गोरखपुर में छापा डालकर मोबाइल कारोबार से जुड़े दो भाइयों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके पास से 5 लाख रुपए बरामद किए और इनकी बलदेव प्लाजा व रेती के दुकान को सील कर दिया।
आपको बताते है कि कैसे करते थे ये आतंकी संगठन के लिए काम-