गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में “लिंगदोह कमेटी” की धज्जियां उड़ाते छात्र नेता….

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रत्नेश पाण्डेय

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गोरखपुर।

गोरखपुर विश्वविद्यालय में आगामी 13 सितंबर को छात्र संघ चुनाव होने हैं और हर चुनाव के अपने अपने कायदे कानून होते हैं।आपको बताते चले कि छात्र संघ चुनाव के लिए भी एक कमेटी बनाई गई हैं जिसके तहत चुनाव होते हैं और इस कमेटी का नाम हैं “लिंगदोह कमेटी”,पर ज़नाब गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में कोई भी नियम कानून नहीं क्योंकि यहाँ आपको हर जगह लिंगदोह कमेटी का उल्लंघन होता दिख जाएगा।गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्र नेता अपनी अपनी पूरी जोर-आजमाइश के साथ प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं।हालांकि चुनाव अधिकारी ओ.पी पांडेय का कहना हैं कि छात्र संघ चुनाव लिंगदोह कमेटी के नियमो के तहत ही होगा।लेकिन छात्र नेता लिंगदोह कमेटी की सिफारिश को मानने के लिए तैयार नहीं है।हम ऐसा इसलिए बोल रहे क्योंकि लिंगदोह कमेटी में चुनाव लड़ने के जो मानक तय किये हैं, वे काफी जटिल है।

1-लिंगदोह कमेटी ने स्नातक के छात्रों के लिए 17 से 22 वर्ष,पीजी के छात्रों लिए 24 से 25 वर्ष व पीएचडी कर रहे छात्रों के लिए अधिकतम 28 वर्ष आयु निर्धारित की है।

2-जैसे छात्र आंदोलन के दौरान यदि किसी छात्र नेता पर एफआइआर हो जाता है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता है।

3-चुनाव लड़ने के लिए ईयर बैक नहीं होना चाहिए. मैट्रिक से हायर एजुकेशन तक सत्र में ब्रेक नहीं लगना चाहिए।

4-वहीं छात्र चुनाव लड़ सकता है, जिसकी कक्षा में उपस्थिति 75 प्रतिशत हो।

5-चुनाव प्रचार के दौरान बैनर, पोस्टर पर रोक, माइक का प्रयोग भाषण के लिए नहीं करने के सुझाव, ये कुछ ऐसे बिंदु हैं, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करता है।

परन्तु इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ती आप देख सकते है गोरखपुर विश्वविद्यालय में क्योंकि छात्र नेता बड़ी-बड़ी गाड़ी के साथ बाहरी छात्रों के लेकर विश्वविद्यालय के प्रांगण में घूम रहे हैं।जिससे पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को काफी कठिनाइयां करनी पड़ रही पड़ रही हैं।पूरे गोरखपुर विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र नेताओं के बैनर हर जगह चिपके बिखरे दिख जाएंगे।खैर इन तमाम नियमों के उल्लंघन के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन आंखों पर पट्टी बांधे रखा है और पुलिस प्रशासन भी चुप्पी साधे बैठे है।अब देखना होगा जब 13 सितंबर को छात्रसंघ के चुनाव होने हैं तो विश्वविद्यालय के छात्र किसे अपना नेता चुनते हैं।