नीतीश गुप्ता
गोरखपुर।
गोरखपुर वह फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव 11 मार्च को होने हैं और इसके लिए प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिला शुरू कर दिया है। गोरखपुर में आज सर्वोदय भारत पार्टी से गिरीश नारायण पांडेय ने गोरखपुर लोकसभा के लिए पर्चा दाखिल किया। लेकिन सभी को बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार के घोषणा का इंतजार है। सूत्रों की माने तो विपक्षी पार्टियां यह उपचुनाव एकजुट होकर लड़ने के मूड में है।
जब से योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं तबसे सबकी निगाहें गोरखपुर पर टिकी है कि आखिर गोरखपुर में योगी की जगह कौन लेगा। योगी आदित्यनाथ जब मुख्यमंत्री बने तब विपक्ष के कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि योगी अब मुख्यमंत्री बन गए तो उन्हें महंत का पद भी त्याग देना चाहिए।
वहीं शहर के कुछ युवाओं की माने तो योगी आदित्यनाथ गोरखपुर का दौरा तो खूब कर रहें हैं लेकिन कोई ठोस योजना नही शुरू हो सकी है इसलिए योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर के विकास के लिए ठोस योजना के साथ काम करने की जरूरत है।
हालाँकि तो उपचुनाव दो जगह है लेकिन सबकी निगाहें गोरखपुर पर टिकी है। अब 11 मार्च 2018 यह तय करेगा कि गोरखपुर का सांसद योगी आदित्यनाथ का उत्तराधिकारी कौन बनता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर से बीजेपी का टिकट मंदिर परिसर में से योगी के किसी करीबी या ब्राह्मण जाति को ही मिलेगा।
अब देखना दिलचस्प होगा कि जैसे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा ने गठबंधन किया था और गोरखपुर से राणा राहुल सिंह को उम्मीदवार बनाया गया था क्या वैसा ही कुछ उपचुनाव में देखने को मिलेगा?
हालांकि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की माने तो समाजवादी पार्टी अपना उम्मीदवार उतारेगी और कांग्रेस अपना। आपको बताते चलें कि समाजवादी पार्टी या कांग्रेस पार्टी की तरफ से अभी किसी भी उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया। कुछ दिन पहले यह अफवाह जरूर उड़ी थी कि गोरखपुर उपचुनाव में सपा और बीजेपी दोनों निषाद नेता संजय निषाद को मनाने में लगे हैं, क्योंकि संजय निषाद का निषाद जाति पर अच्छी पकड़ है और गोरखपुर में निषाद जाति का वोट लगभग 4 लाख से ज्यादा है। अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि उपचुनाव में कौन किसको किस पार्टी का उम्मीदवार बनाता है और 11 मार्च 2018 को चुनाव होने के बाद 14 मार्च 2018 को किसके सर पर ताज सजता है।