गोरखपुर में सपा को लग सकता है बड़ा झटका, निषाद Vs निषाद हो सकते हैं मैदान में!

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नीतीश गुप्ता

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गोरखपुर।

2017 में हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की और गोरखपुर के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ को प्रदेश की कमान सौंपी गई जिसके बाद गोरखपुर की संसदीय सीट खाली हो गयी। 2018 में गोरखपुर में उपचुनाव हुए जिसमें योगी का गढ़ कहा जाने वाले गोरखपुर में बीजेपी को हार मिली और सपा से उम्मीदवार रहे इंजीनियर प्रवीण निषाद ने जीत दर्ज की। इस जीत के बाद से ही गोरखपुर राजनीति के गलियारों में एक अलग ही भूमिका निभाता नजर आया। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो गोरखपुर में योगी के हार का कारण कार्यकर्ताओं का गुस्सा और प्रवीण के जीतने का कारण निषाद जाति का एक तरफा वोट उनको पड़ना। लेकिन उपचुनाव के बाद से ही बीजेपी सचेत हो गयी थी और 2019 के आम चुनाव के लिए पूरी रणनीति भी तैयार कर ली थी। लोग मान रहे थे कि गोरखपुर से इस बार बीजेपी की तरफ से मन्दिर का कोई प्रत्याशी होगा लेकिन जिस तरह से सपा नेता अमरेंद्र निषाद की योगी आदित्यनाथ से सर्किट हाउस में मुलाकात हुई है तो लगभग ये तय है कि बीजेपी की ओर से इस बार मैदान में अमरेंद्र निषाद या उनकी माता राजमती निषाद उमीदवार हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो देखने वाली बात होगी कि निषादों का वोट किस पाले में गिरता है क्योंकि निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद अपने को निषाद जाति का मसीहा बताते है। खैर ये तो आने वाला समय बताएगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है लेकिन एक बात तो तय है इस बार चुनावी जंग निषाद vs निषाद की होने वाली है।