गोरखपुर एम्स में निकाली गई रिक्तियों पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि तय आरक्षण के मुताबिक सीटों का निर्धारण नहीं किया गया। अभ्यर्थियों ने भारत सरकार को चिट्ठी भेजकर नाराजगी जताई है। साथ ही कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं गोरखपुर एम्स के उपनिदेशक ने आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि नियमावली का पूरी तरह से पालन किया गया है।
एम्स गोरखपुर में शिक्षकों की भर्ती के लिए 77 रिक्तियां निकाली गई हैं। इसमें नियमत: एससी, एसटी व ओबीसी की रिक्तियों की संख्या 38 होनी चाहिए, लेकिन 16 ही पद उनके नाम किए गए हैं। 20 फीसदी से भी कम सीटें आरक्षित की गई हैं। चंडीगढ़ सेक्टर-16 निवासी डॉ. हिमांशु सिंह, सेक्टर 22 निवासी डॉ. राकेश कुमार, नयागांव निवासी डॉ. सुमित आदि ने आरोप लगाया है कि गजट के मुताबिक सीटों की संख्या 38 की जानी थी, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। लगभग 24 सीटें कम कर दी गईं। अब पीएमओ को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है। एम्स कल्याणी वेस्ट बंगाल में भी रिक्तियां निकाली गईं। वहां आरक्षण का पूरा पालन किया गया।