कहानी रविकिशन की जो हो सकते हैं गोरखपुर के माननीय
आयुष द्विवेदी
गोरखपुर उपचुनाव में सभी पार्टी प्रत्याशियों के नाम के ऐलान में ‘पहले आप, पहले आप’ का फार्मूला अपना रहीं हैं। साथ ही निषाद बाहुल्य गोरखपुर में जातिगत समीकरण भी बैठाया जा रहा है। अंदरखाने में पार्टियाँ जबरदस्त होमवर्क कर रहीं हैं। यही वजह है कि प्रत्याशी घोषित होने में विलंब लग रहा है।
वहीं अभिनेता रविकिशन भी बीजेपी से उप चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं, अभी कुछ दिन पहले गोरखपुर महोत्सव में भी पत्रकारो से बातचीत में वह कह चुके हैं की “अगर पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाती है तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे।” इसलिए उनके नाम की चर्चा भी जोरो पर है।
आइये गोरखपुर लाइव के साथ जानते हैं उनकी फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत कैसी हुई? और कैसे पूर्वांचल सहित वह पूरे देश में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके है? अभिनेता रविकिशन सात भाषाओं में बातचीत करने में परंपरागत है अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, सलमान खान सरीखे अभिनेताओं के साथ काम करने वाले यह अभिनेता पूर्वांचल के जौनपुर जिले के केराकत तहसील के छोटे से गांव बराई बिसुई के रहने वाला है ।
रविकिशन बचपन से ही अभिनय का शौक था । बातचीत में वह बताते है कि अभिनय के वह कब दीवाने हो गए उन्हें खुद ही नहीं पता। वह बताते है हैं कि रेडियो पर गाने सुनने पर उनके पैर रुकते नहीं थे यही हाल बैंड की धुन पर भी था , नवरात्र में रविकिशन ने गांव में पहली बार अभिनय की दुनिया में कदम रखा। गांव के रामलीला में उन्होंने माता सीता की भूमिका से अभिनय की शुरूआत की । रवि बताते है की इसके लिए उनके पिता पंडित श्यामनारायण शुक्ल से काफी डाट मिली थी पर रवि कहाँ मानने वाले थे क्योंकि इस अभिनेता की दुनिया कही और था। रवि की माँ इस बात को जानती थी इसीलिए उन्हें कुछ रूपया देकर माया नगरी मुंबई भेज दिया । वहा से शुरू हुआ रवि का संघर्ष क्योंकि माया नगरी का मंजिल इतनी आसान नहीं होती। संघर्ष के दिनों में रवि बताते है कि खर्च चलाने के लिए उन्होंने पेपर बाटना शुरू किया। यही नहीं पेपर के अलावा उन्होंने वीडियो कैसेट किराये पर देने शुरू कर दिया ।कहते है परिश्रम का कोई विकल्प नहीं रवि की मेहनत रंग लाई और उन्हें काम मिलना शुरू हो गया और जब उनके जीवन में उनकी पत्नी प्रीति किशन आयी तो उनका किस्मत और बुलंद हो गई ।