गोरखपुर।
अगर कोई भारतीय नागरिक अपने ही देश के शिक्षा प्रणाली पर सवाल करे या बोले कि उसको सरकार द्वारा बनाई गई शिक्षा प्रणाली पर भरोसा नहीं हैं तो आप क्या कहेंगे? हम ऐसा सवाल आपसे क्यों पूछ रहे हैं वो इसलिए क्योंकि गोरखपुर में चल रही एक एनजीओ जिसका नाम स्माइल रोटी बैंक हैं उसके संचालक आज़ाद पांडेय ने ऐसा सवालिया निशान खड़ा किया हैं भारत के शिक्षा प्रणाली पर। कुछ दिन पहले गोरखपुर लाइव से बातचीत में एनजीओ के संचालक महोदय ने भारतीय शिक्षा प्रणाली पर उंगली उठाया।गोरखपुर लाइव के एक सवाल पूछे जाने पर कि आखिर एनजीओ में आ रहे बच्चों को आप स्कूल क्यों नहीं भेजते तो इस पर संचालक महोदय ने दो टूक जवाब दिया कि उन्हें सरकार और भारतीय शिक्षा प्रणाली पर भरोसा ही नहीं हैं इसलिए वो बच्चों को स्कूल नहीं जाने देते और अपने एनजीओ के जरिये ही बच्चों को शिक्षा देते है।
अब सवाल उठता हैं कि:
1-क्या वाक़ई भारतीय शिक्षा प्रणाली खराब हैं कि संचालक महोदय बच्चों को सरकारी स्कूल नहीं भेजना चाहते या फिर इसके पीछे कुछ और कारण हैं?
2-आखिर बच्चों को अपने एनजीओ में ही रख कर कौन सी शिक्षा और डिग्री देंगे संचालक महोदय?
3-क्या ये उन बच्चों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं क्योंकि जिस उम्र में बच्चों को स्कूल में होना चाहिए उस उम्र में संचालक महोदय उन्हें स्कूल की बजाय अपने एनजीओ में बुला रहे हैं?
4-आखिर ये बच्चें जब बड़े हो जाएंगे तो कैसे अपना जीवन यापन करेंगे क्योंकि ना तो इनके पास डिग्री हैं और ना ही शिक्षा से जुड़ी कोई जानकारी?