गृहमंत्री अमित शाह ने देश में एक पहचान पत्र का प्रस्ताव दिया है। गृहमंत्री के अनुसार, इस पहचान पत्र में पासपोर्ट, आधार और वोटर आईडी सभी होने चाहिए। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2021 की जनगणना मोबाइल ऐप के जरिए की जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त के कार्यालय की नई इमारत की नींव रखने के बाद कहा कि राष्ट्रव्यापी जनगणना 16 भाषाओं में की जाएगी जिसपर 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
उन्होंने कहा कि जनगणना की संदर्भ तारीख एक मार्च 2021 होगी, लेकिन जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी होने के मद्देनजर यह दिनांक एक अक्तूबर 2020 होगी।
शाह ने यह भी कहा कि जनगणना के साथ ही देश के सामान्य निवासियों के राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) के लिए भी आंकड़े लिए जाएंगे।
अधिकारियों ने कहा कि एनपीआर असम के एनआरसी का राष्ट्रव्यापी संस्करण का आधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पूरा दृष्टिकोण बदल गया।
दृष्टिकोण और सोच पूरी तरह से बदल गई तथा समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए।