इस दंपति के साथ जीने-मरने का खुद साक्षी बना भगवान..
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परिवारजन रेशमा चौधरी को लेकर घर लौट आए। वे उनकी सेवा में जुटे थे। गुरुवार भोर में पांच बजे रेशमा चौधरी ने दम तोड़ दिया। घर में रोना-धोना शुरू हो गया। पत्नी के यूं अचानक चले जाने हरिराम चौधरी भी सकते में आ गए। उनकी हालत बिगड़ने लगी। परिवारीजन उन्हें अस्पताल ले जा पाते इसके पहले ही उन्होंने भी दम तोड़ दिया। थोड़े अंतराल में एक ही दिन घर के दोनों बुजुर्गों केचले जाने से परिवारीजनों का दु:ख कई गुना बढ़ गया।
इस गम में मोहल्लेवाले बड़ी संख्या में शरीक हुए। दोनों की अर्थी साथ उठी। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार दोपहर राप्ती नदी के किनारे राजघाट पर एक साथ, एक ही चिता पर किया गया।