Home उत्तर प्रदेश अरे साक्षी, अब तो अपने परिवारवालों को बख्श दो..

अरे साक्षी, अब तो अपने परिवारवालों को बख्श दो..

उस बेटी ने अपनी मर्जी से शादी किया ठीक किया ।क्योंकि संविधान ने यह हमें अधिकार दिया है ।साक्षी शादी करती है और उसको अपने माँ बाप और भाई से जान का खतरा महसूस होता है तो वह पुलिस और मीडिया में आकर अपनी बात रखती है और उसे पुलिस पोर्टेक्सन भी मिल जाता है। लेकिन अब जिस प्रकार से वह अपने माँ बाप भाई और उनके दोस्त को विलन बनाने पर तुली है यह गलत है। साक्षी मिश्रा कहती है कि उसे घर से बाहर निकलने नहीं दिया गया उसको पढ़ने नहीं दिया गया उसको चारदीवारी में कैद रखा जाता था उसको फोन ऐलाऊँ नही था मतलब इतना बड़ा बड़ा आरोप लगा रही है।

लेकिन तस्वीर की दूसरे पहलू की बात करें तो यह बात पूरे तरीके से निराधार दिख रहा है कारण यह कि वह खुद फेसबुक पर लिखी है कि उसके भाई ने रक्षाबंधन पर 20 हजार का मोबाइल उसको गिफ्ट के तौर पर दिया था। साक्षी मास कम्युनिकेश की पढ़ाई करती थी राजस्थान के यूनिवर्सिटी में वहां के हॉस्टल में मोबाइल पर प्रतिबंध था तो उसके माँ बाप और भाई की क्या गलती? साक्षी के भाई की बात माने तो यही कारण था कि साक्षी को पीजी में रखा गया ताकि वह स्वतंत्र रह सके और वह जो भी कुछ करना चाहती है कर सके।

साक्षी को जान को खतरा था लेकिन वो उसका एक सबूत नहीं दिखा सकी कि परिवार से कितना बंदिस था। हर माँ बाप का सपना होता है उसकी बेटी या बेटा का अच्छा परवरिश हो लेकिन अगर साक्षी को कोई दिक्कत था तो वह अपने पिता से नहीं तो अपने भाई और माँ से तो कह सकती थी। माना कि विधायक मिश्रा के पास समय नहीं होता था अपने परिवार के लिए लेकिन वह तो अपने बड़े भाई की दुलारी थी। बड़े भाई की माने तो साक्षी हमसे खुलकर बात करती थी और कई बार उसके लिए हम लड़ जाते थे पिता से भी क्योंकि पिताजी चाहते थे कि वह बरेली में रहकर ही पढ़े।

लेकिन साक्षी के माँ बाप सहित भाई पर सवाल खड़ा करना प्रश्रचिन्ह खड़ा करता है। साक्षी के घर से भागने से लेकर शादी और सोशल मीडिया पर उसके वीडियो वारयल होने तक उन लोगों का कोई ऐसी प्रतिक्रिया नहीं आयी कि वह उसको जान से मारने पर तुले है। अब तो पूरा देश जान गया है तो फिर साक्षी का टीवी चैनल पर रोज रोज आना और अपने माँ बाप पर गलत बयानबाजी देना क्या संदेश दे रहा है और तो और जिस लड़के के साथ साक्षी भागी उस लड़के के बारे में भी अब बाते खुल रही हैं कि वो किस नेचर और सोच का लड़का है। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लड़के के पड़ोस के लोगों का कहना है कि उन लोगों को तो पता ही नहीं कि लड़के की जाति क्या थी?

क्योंकि कभी वो गाड़ी पर ठाकुर लिखवा कर चलता था तो कभी ब्राह्मण, इस घटना के बाद पता चला कि वो लड़का दलित था। यही नहीं वो लड़का साक्षी के भाई का दोस्त भी था पर साक्षी के परिवारवालों को क्या पता था कि घर पर बतौर दोस्त की तरह दस्तक देने वाला शख्स ही घर की लक्ष्मी को लेकर फरार हो जाएगा।

खैर साक्षी आप उससे अब शादी कर ली हो अब तो उस माँ बाप को बख्श दो। अब आप जिसके साथ हो उसके साथ खुश रहो लेकिन उस माँ बाप भाई पर क्या गुजरती होगी जो समाज के ताने के बाद भी चुप है और उनके खिलाफ तमाम आरोप आप लगा रही हो.. शांत हो जाओ अब, साक्षी और आप अपने बेहतर भविष्य के तरफ आगे बढ़ो।

यह लेख कोई खबर नहीं बल्कि एक पत्रकार (आयुष द्विवेदी) की निजी सोच है इसे अन्यथा न लिया जाए..

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