अमरेन्द्र निषाद की सपा से बगावत, लड़ेंगे चुनाव

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बसपा से गठबंधन के बाद सपा में बगावत के सुर बस्ती के बाद अब गोरखपुर में भी उठने लगे हैं। पूर्व मंत्री स्व. जमुना निषाद के बेटे अमरेंद्र निषाद ने सदर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। इस संबंध में उन्होंने बुधवार को अपने समर्थकों के साथ बैठक की। इसमें उनकी मां व पूर्व विधायक राजमती निषाद भी मौजूद रहीं।

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हालांकि, उन्होंने अभी यह तस्वीर नहीं साफ की है कि वे किसी पार्टी का हाथ थामने जा रहे हैं या फिर निर्दल ही ताल ठोकेंगे। अमरेंद्र निषाद का कहना है कि पार्टी से ही टिकट के लिए वे इसी सप्ताह राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। बात बनी तो ठीक वर्ना पार्टी से कोई नाता नहीं होने की औपचारिक घोषणा कर देेंगे।

अमरेंद्र के इस एलान से सपा में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। ढाई दशक से अधिक समय के बाद 2018 के उपचुनाव में सदर लोकसभा की सीट भाजपा और मंदिर के हाथ से निकली और सपा के प्रवीण निषाद सांसद हुए। इस लोकसभा क्षेत्र में निषादों के बीच इनके परिवार की अच्छी पैठ है। यही वजह है कि इस बार भी उन्हीं को टिकट मिलने की पूरी उम्मीद है।

वहीं, पिपराइच और उसके आसपास के क्षेत्रों के निषाद वोट बैंक पर अमरेंद्र की भी अच्छी पक ड़ है। इसका प्लेटफार्म उनके पिता जमुना निषाद ने ही तैयार किया था। यही वजह है कि 19 नवंबर 2010 में एक सड़क हादसे में जमुना की मौत के बाद 2011 में हुए उपचुनाव में जनता की पूरी सहानुभूति उनकी पत्नी राजमति निषाद को मिली। वे सपा से पिपराइच की विधायक बनीं। 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता ने फिर उनपर भरोसा जताया और वे दोबारा विधायक चुनी गईं। हालांकि 2017 के चुनाव में जीत का यह सिलसिला थम गया।

लोकसभा चुनाव जरूर लड़ूंगा। समर्थक भी यही चाहते हैं। उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकता। आज हुई बैठक में उन्हें भरोसा भी दिला दिया। जानता हूं कि सपा की तरफ से टिकट तय हो गया है फिर भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से एक बार टिकट मांगने जाऊंगा। इसके बाद ही औपचारिक घोषणा करूंगा।
– अमरेंद्र निषाद

राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलना और उनसे टिकट मांगने का अधिकार पार्टी के हर कार्यकर्ता को है। टिकट देना राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला है। मगर पार्टी में रहते हुए सभी के लिए शीर्ष नेतृत्व का फैसला सर्वमान्य होना चाहिए। – प्रहलाद यादव, सपा जिलाध्यक्ष