अब उपचुनाव में कांग्रेस भी ठोकेगी ताल, दमदारी से लड़ेगी चुनाव

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गोरखपुर सदर सीट पर हो रहे उपचुनाव में सियासी तापमान चरम पर है ,हो भी क्यों ना मुख्यमंत्री का जिला है और मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर है।

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चुनाव की घोषणा ना होने तक कांग्रेस पार्टी चुप थी, लेकिन जैसे ही चुनाव की तारीख की घोषणा हुई पार्टी में भी चुनाव पर गहमागहमी शुरू हो गयी। पिछले लोकसभा और विधानसभा में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन काफी लचर रहा है लेकिन राजस्थान के अलवर और अजमेर में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के जीत से कार्यकर्ताओ का मनोबल बढ़ा हुआ है और वह चाहते है की कांग्रेस पार्टी गोरखपुर में भी चुनाव लड़े ।
आलम यह है की स्थानीय स्तर से लेकर दिल्ली तक के नेताओ की बैठकें जारी है, और इसके लिए जल्दी से जल्दी चुनाव लड़ने वालों की सूची भी मांगी जा रही है और अभी तक 5 आवेदन भी आ गए है । इस बारे में गोरखपुर लाइव ने कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष अरुण अग्रहरी से बात की तो उनका कहना है की कार्यकर्ता चुनाव लड़ने के मूड में है और कार्यकर्ताओं की यह इच्छा हाईकमान को बता दिया गया है अब आगे पार्टी जो निर्णय लेगी वह सर्वमान्य है ।

सूत्रों के अनुसार कल दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी गोरखपुर और फूलपुर के लिए बैठक करने वाले है और अंतिम निर्णय उन्ही का होगा । अब तक यही कयास लगायी जा रही थी कांगेस पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी लेकिन अब अचानक से पार्टी का चुनाव लड़ने और आवेदन मांगने के पीछे की राजनीती यह है की सपा का कांग्रेस से मोहभंग हो गया है। जानकारों की माने कांग्रेस पार्टी सपा के सामने अब समर्पण करने के मूड में नहीं है क्योंकि उसको पता है की आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा ।सूत्रों के अनुसार पार्टी इस बार गोरखपुर से सवर्ण उम्मीदार के पक्ष में है और उसकी छवि ठीक ठाक हो और पार्टी मेडिकल कॉलेज मानबेला में जमीन अधिकरण जैसे स्थानीय मुद्दों पे बीजेपी को घेरने की मूड में है ।

अगर कांग्रेस भी चुनाव लड़ती है तो लड़ाई में ट्विस्ट आना तय है।