गुजरात के मेहसाणा की विसनगर अदालत ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को 2015 में अनामत आंदोलन के दौरान दंगा कराने के एक मामले में दोषी करार दिया है.
हार्दिक पटेल पर विसनगर में हुए पाटीदारों के प्रदर्शन के दौरान भारतीय जनता पार्टी के विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ़्तर में तोड़फोड़ कराने का आरोप था. ये घटना 23 जुलाई 2015 को हुई थी.
अदालत ने इस मामले में 14 लोगों को बरी कर दिया है, जबकि हार्दिक पटेल समेत तीन लोगों को दोषी माना है. इस मामले में विसनगर अदालत के जज वीपी अग्रवाल ने उन्हें 2 साल जेल की सज़ा सुनाई. साथ ही तीनों पर 50-50 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद हार्दिक पटेल ने ट्वीट किया, “सामाजिक न्याय और सामाजिक अधिकार के लिए लड़ना अगर गुनाह है तो हाँ मैं गुनहगार हूँ. सत्य और अधिकार की लड़ाई लड़ने वाला अगर बाग़ी है तो हाँ मैं बाग़ी हूँ. सलाखों के पीछे सत्य, किसान, युवा और ग़रीबों के लिए लड़ने वाली मेरी आवाज़ को भाजपा की हिटरलशाही सत्ता नहीं दबा सकती. मेरी फ़ितरत में है ज़ालिमों से मुक़ाबला करना और हक़ के लिए लड़ना. जितना दबाओगे, उतना ही चुनौती बनकर उभरूंगा. किसी भी मुश्किल को उसके बनाये गए लेवल पर हल नहीं किया जा सकता. उस मुसीबत को उस लेवल से ऊपर उठने पर ही हल किया जा सकता है. इंक़लाब ज़िंदाबाद.”