आयुष द्विवेदी
मेरा लाल अब कभी वापस नही आएगा वह देश के लिए शहीद हो गया है उसको अपनी भारत माँ से बहुत प्यार है,वह हमेशा आतंकियो की मारने की बात करता था ।आखों में आंसू के सैलाब के साथ बार बार बेहोश हो जा रहे शहीद दीपक पांडेय के बुजुर्ग पिता यही बात कहकर फफक पड़े ।उनको देखकर आसपास के सभी लोग अपने आंसुओ को नही रोक पा रहे थे ।दीपक तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान जैसे नारे लगने लगे।
शहीद दीपक पांडेय ही अपने पिता राम प्रकाश पांडेय के बुढ़ापा के सहारा थे ।घर की कुर्सी पर बैठे शहीद दीपक पाण्डेय के पिता को मोहल्ले वाले ढाढ़स बढ़ा रहे थे लेकिन राम प्रकाश पांडेय को यकीन ही नही हो रहा था कि उनका इकलौता बेटा अपनी भारत माँ की रक्षा करते करते हमेशा के लिए दुनिया से चला गया ।दीपक पांडेय की माँ रमा पांडेय रोते रोते बार बार यही कह रही थी कि अपनी इस माता को छोड़कर मेरा बेटा भारत माता के पास चला गया ।पूरे शहर में शोक का लहर है ।बुधवार सुबह जम्मू कश्मीर के बड़गाम में एमआई 17 चॉपर के क्रेश होने की सूचना आई।
जिसमे सवार पायलट और को पायलट दोनों शहीद हो गए ।जैसे ही कानपुर के लोगो को पता चला प्लेन उड़ा रहे पायलट दीपक कानपुर के है पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। श्रीनगर के कैम्प से दोपहर दीपक के पिता के पास फोन आया उनका बेटा देश के लिए शहीद हो गया दीपक के पिता यह बात सुनते बदहवास हो गए। दीपक अपने माता पिता के इकलौता संतान थे ।लेकिन ताऊ की 5 बेटियों के वह बेहद दुलारे भाई थे ।जब भी वह छुट्टी पर घर आते थे तो बहनों के लिए कोई ना कोई गिफ्ट जरूर लाते थे ।दीपक की शहादत पर बहनों का रो रोकर बुरा हाल है ।रोते रोते बहनें कह रही है कि भैया तुम क्यो चले गए हमे अब गिफ्ट कौन देगा ।हमलोग रक्षाबंधन के दिन किसके लौटने का इंतजार करेंगे लौट आओ न भइया।