कल सुबह योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में कथित रूप से लखनऊ से आए फरियादी आयुष सिंघल ने योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उसकी फरियाद सुनने बजाय उसे आवारा कह कर भगा दिया।
जब यह खबर गोरखपुर लाइव ने प्रसारित की उसके बाद अन्य मीडिया संस्थानों और शाम तक राष्ट्रीय मीडिया में भी आने लगा तब मामले तूल पकड़ लिया।
डीएम गोरखपुर को इस मामले में सफाई पेश करनी पड़ी। गोरखपुर के डीएम ने इस मामले पर सफाई पेश करते हुए कहा कि
आयुष सिंघल के साथ जनता दरबार में कोई धक्का-मुक्की जैसी चीज नहीं हुई थी आयुष सिंघल बिना किसी लिखित फरियाद या कागज के बिना मौखिक रूप से शिकायत करने पहुंच गया था इसी बात को लेकर माननीय मुख्यमंत्री जी ने उसे लिखित में फरियाद देने को कह कर बाहर जाने को कह दिया।
वह इस बारे में जिलाधिकारी लखनऊ में भी सफाई देते हुए कहा कि “आयुष सिंघल का शिकायती पत्र उनको भी प्राप्त हुआ है लेकिन मामला जमीन कब्जाने का नहीं बल्कि जमीन बंटवारे का है और इस बात का फैसला एसडीएम कोर्ट में होना चाहिए लेकिन आयुष कोर्ट जाने की बजाय सीधी कार्यवाही चाहते हैं।”