Home न्यूज़ जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों का ढेर, नही हो रहा निपटारा

जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों का ढेर, नही हो रहा निपटारा

गोरखपुर: शहर में सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट सभी अपने कर्तव्य से अनभिज्ञ दिख रहे हैं, आए दिन मनबढ़ई और तमाशा का केंद्र बनी दिख रही हैं असप्तालें। कभी तीमारदारों से मारपीट हो रही है तो कहीं बाउंसर्स के जरिए मनबढ़ अस्पताल संचालक और डॉक्टर महिलाओं तक से अभद्रता करने से बाज नहीं आ रहे। आए दिन के खबरों से जाहिर है कि यहां रोज दो तीमारदार को पीटा जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार सबकुछ जानते हुए भी अस्पतालों की खुली गुंडई पर खामोश हैं। तमाम शिकायतों के बावजूद भी अस्पतालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। कई बार तो तीमारदार अस्पताल संचालकों की धमकी के डर से शिकायत ही दर्ज नहीं कराते। इतना ही नहीं, पीडि़त अगर इसकी शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर भी करते हैं तो ज्यादातर मामले सांठगांठ कर रफा- दफा कर दिए जाते हैं।

होती है शिकायतें लेकिन नहीं होता निपटारा

शहर में अनगिनत छोटे बड़े अस्पताल हैं, ज्यादातर स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बहुत ही बुरा है कहीं सुविधा के आभाव में तो कहीं लापरवाही के कारण मरीजों की मौत हो रही है, और इलाज में लापरवाही का विरोध करने पर तीमारदारों को मारा- पीटा तक जा रहा है।

सोमवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला मरीज की मौत पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया जिसके बाद तैनात सुरक्षागार्ड ने तीमारदारों को दौड़ाकर पीटा।

यह कोई पहला केस नही है आएदिन अस्पताल संचालकों की गुंडागर्दी बढ़ती जा रही है लेकिन जिम्मेदार कुछ नही कर रहे है।जनता की शिकायतें सुनने के लिए जनसुनवाई पोर्टल है लेकिन उसपर भी शिकायतों का निपटारा नही किया जाता है।

केस 1

शाहपुर एरिया में कुछ दिन पहले एक नर्सिग होम में भर्ती मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा किया था। सूचना पर पुलिस पहुंची। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज हुआ लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

केस 2

बेलीपार एरिया में एक्सीडेंट में घायल छात्र को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। जहां डॉक्टर ने छात्र को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मुर्दा को जिंदा बताकर तीमारदार हंगामा करने लगे। आरोप था कि डॉक्टर की लापरवाही की वहज से बच्चे की मौत हुई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत करवाया।

इसी तरह और मामले है जिसका निपटारा नही किया गया है।

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