छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहा है डीडीयू

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किसी भी शिक्षण संस्थान की सबसे पहली प्राथमिकता होती है छात्रों का विकास और उनका उज्जवल भविष्य। लेकिन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय अपने अलग ही ढर्रे पर है इसे सिर्फ गैर शैक्षणिक कार्य कराने हैं और अपने कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखना है।

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जब प्रो अशोक कुमार ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में कुलपति का पदभार संभाला था तो उन्होंने सबसे पहली प्राथमिकता समय से परिणाम जारी करने और सत्र नियमित करने को दिया था। लेकिन उनके जाने के बाद यूनिवर्सिटी फिर पुराने ढर्रे की तरफ लौटती दिख रही है। इससे हजारों छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। ना तो समय से परीक्षाएं हो रही हैं ना समय से परिणाम जारी हो रहे हैं और पेपर लीक हो रहे हैं वह अलग।

बीटीसी का फॉर्म नहीं भर पाए छात्र

जिन छात्रों को शिक्षक बनना होता है उनकी प्राथमिकता B.Ed या BTC करना हो होता है। ग्रेजुएशन के बाद शिक्षक बनने को लालायित सभी छात्र इन कोर्स में दाखिले लेते हैं। लेकिन इस बार डीडीयू ने समय से स्नातक के रिजल्ट ही नहीं जारी की है। जिस वजह से हजारों छात्र बीटीसी में फॉर्म भरने से चूक गए। विश्वविद्यालय की लापरवाही का आलम तो देखिए। बीटीसी का फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 31 मई शाम 6:00 बजे थी और स्नातक के परिणाम 31 मई शाम 8:00 बजे को जारी कर दिया गया।

ऐसे में कई छात्रों ने तो यह भी कह दिया ऐसा यूनिवर्सिटी ने जानबूझकर किया। अगर विश्वविद्यालय प्रशासन 1 दिन पहले भी परिणाम जारी कर देता तो हजारों छात्र बीटीसी का फॉर्म भर सकते थे ऐसा ही कुछ BSC वालों के साथ हो रहा है अभी तक BSC के परिणाम जारी नहीं किए गए हैं कब जारी होंगे इसका भी कुछ अता-पता नहीं है।