गोरखपुर यानी मुख्यमंत्री का शहर,अब देश मे यही अपने शहर गोरखपुर की सबसे बड़ी पहचान है।
गोरखपुर के लोग भी गर्व से कहते हैं हम मुख्यमंत्री के शहर से हैं,हम गोरखपुर से हैं।जी हां,ये लोगों की जुबां पर तब चढ़ा जब गोरखपुर के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ 2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी के मुख्यमंत्री चुने गए।
योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद शहर के लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता था सभी को ये उम्मीद और भरोसा था कि अब उनका शहर गोरखपुर सोने की तरह चमकेगा।लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया लोगों का यह उत्साह ठंडा पड़ता गया क्योंकि अभी तक ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला जिससे लोगों को ये लगे कि गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी का शहर हैं।
शहरवासियों को सबसे बड़ा झटका तो उस दिन लगा जब वो सुबह सोकर उठे तो उन्हें लगभग पूरा शहर तालाब नजर आने लगा।शहर के ज्यादातर हिस्सों में पानी लगा हुआ था, क्योंकि रात में मानसून की पहली बारिश हुई थी।मानसून की पहली बारिश यूं तो गर्मी से निजात देने आई थी लेकिन प्रशासन की लापरवाही की वजह से मानसून की पहली बारिश गोरखपुर को नर्क बना गई।आलम ये था कि गली मोहल्ला तो छोड़िए जिलाधिकारी सहित नगर निगम के दफ्तर में ही कमर तक पानी लग गया।
अब आप खुद अंदाजा लगाइये और अपने से पूछिए कि आखिर ये कौन सा और कैसा मुख्यमंत्री का शहर जहां लोग 1 साल से ज्यादा हो गया योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बने लेकिन फिर भी शहर की हालत जस का तस हैं?
हालांकि सबको पता है कि गोरखपुर में सीवेज सिस्टम न होने की वजह से जलजमाव की दिक्कत है लेकिन इसका इंतजाम तो करना ही होगा। योगी आदित्यनाथ इतने सालों से यहाँ है उन्हें कुछ पता नही है ये कहना भी बेईमानी होगी।
अब जरूरत है पूरे शहर में एक बेहतर सीवेज सिस्टम डेवलेप करने की और अब तो योगी प्रदेश सत्ता के शीर्ष पर हैं। आखिर तब योगी क्यों यह बात नहीं समझ रहे हैं, यह बात गोरखपुर के जनता को कचोट रही है।