क्या उत्तर प्रदेश ही तय करेगा 2019 में देश का प्रधानमंत्री कौन?
नीतीश गुप्ता
गोरखपुर।
उत्तर प्रदेश देश का वो सबसे बड़ा राज्य जहां 80 सीटों पर लोकसभा तो 403 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ी जाती हैं।यूपी वो राज्य हैं जो पूरे भारत की राजनीति बनाता बिगाड़ता है।देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु,इंद्रा गांधी,लाल बहादुर शास्त्री से लेकर अटल विहारी वाजपेयी तक सब यूपी के ही लोकसभा सीटों को जीत कर प्रधानमंत्री बने।यही नहीं मौजूदा देश के मुखिया नरेंद्र मोदी भी यूपी के वाराणसी से ही चुनाव जीत कर प्रधानमंत्री का कमान संभाला हैं। तो क्या ये माना जाए कि अगला पीएम जो भी होगा वो उत्तर प्रदेश से ही कहीं से होगा और अगर इसका जवाब हाँ में दिया जाए तो शायद कुछ गलत नहीं होगा,क्योंकि अगर ऐसा ना होता तो नरेंद्र मोदी अपने राज्य गुजरात से चुनाव लड़ते पर ये सबने माना हैं कि देश का राजा तो वही होगा जो यूपी से लड़ेगा। शायद तभी तो देश के तमाम बड़े राजनेताओं की निगाहें यूपी के सीटों पर टिकी रहती हैं।आपको बताते चले 2014 के हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 80 सीटों में से 73 सीटो पर अपना कब्जा जमाया था और ये पहली बार था कि जब बीजेपी को अकेले यूपी से इतनी सीटें आयी हैं।हालांकि सीटों के लिहाज से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र हैं जहां लोकसभा की 48 सीटें हैं और फिर पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश जहां 42 सीटें है,बिहार में 40 सीटें है जबकि सिक्किम में 39 लोकसभा की सीटें है और शायद तभी चुनाव आते ही सभी पार्टियों को इन बड़े राज्यो की याद आ जाती हैं।चुनाव होते है नेता जीतते-हारते हैं पर फिर भी इन ज्यादा सीटों वाले बड़े राज्यों में कोई विकास के कार्य नहीं होते सब वैसे ही जस के तस।अब आने वाला 2019 का आम चुनाव ही बताएगा कि देश की कमान संभालने वाला मुखया यूपी से होता हैं या फिर किसी और राज्य से।