Home न्यूज़ कुशीनगर हादसा:दुर्घटना के बाद मां की पुकार वापस आजा बेटा

कुशीनगर हादसा:दुर्घटना के बाद मां की पुकार वापस आजा बेटा

कुशीनगर के दुदही में ट्रेन हादसे में जान गवाने वाले बच्चों के घर ही नही पूरे गांव, क्षेत्र में इस घटना ने कोहराम मचा दिया हैं।गांव वालों को किसी बच्चे की हंसी रुला रही है तो किसी का नटखट पन लोगों के आंखों से आंसू रुकने नही दे रहे। लेकिन इस सब बीच जो आवाज सबका कलेजा फाड़ दे रही थी, वह मासूम बच्चे की माँ की थी, जो बेटे को खोने के बाद बार-बार चीत्कार मारकर यही कह रही थी की ” लौट के आजा बेटा”। आजा बेटा।दुदही के विशुनपुरा मानवरहित क्रासिंग पर हादसे में कुल 13 मासूमों की जान गई है। यह सभी स्कूल के काफी पड़ोस के 5 गांवों के थे। जिसमें मिश्रौली गांव के पूर्व प्रधान अमरजीत के परिवार पर तो बज्रपात ही हो गया है। अमरजीत ने इस घटना में अपने 2 मासूम बेटे और एक प्यारी सी बिटिया को खो दिया है। इस घटना की जानकारी जैसे ही अमरजीत और मिश्रौली गांव को हुई कोहराम मच गया। घटना के बाद पीड़ित परिजन घटनास्थल की ओर भागे तो गांव वाले भी चल पड़े। लेकिन इस बीच बच्चों को पुलिस ने कब्ज़े में लेकर अस्पताल को चल दिये इलाज के लिए। लेकिन एक माँ जो अपने बच्चे को देख नही पा रही थी, वह दहाड़ मारकर रो रही थी। वह एक पल के लिए अपने बच्चों का देखना चाह रही थी, और जब अस्पताल में मौजूद बच्चों तक पहुंची तो ऐसा चीत्कार उठा कि जो भी था अपने आंखों के आंसू को रोक नही सका। वह बार बार यही कह रही थी कि तुम कब लौटोगे। अभी तो तैयार करके स्कूल को भेजा था, तुम अस्पताल कैसे आ गए। बेटा उठ जाओ,घर चलो। लेकिन इस मां का गम इससे भी बड़ा था। उसने अपनी तीन संतानों को एक साथ खोया था। जिसमे दो बेटे संतोष और रवि थे। जिनकी उम्र 8 और 10 साल थी तो बेटी रागिनी महज 7 साल की। एक साथ यह सब कालकवलित हो गए। पिता अमरजीत शून्य की हालत में था। मिश्रौली गांव में जैसे बज्रपात हो गया हो। सीएम योगी आदित्यनाथ के घटनास्थल पर पहुँचने पर भारी भीड़ जमा थी। लेकिन यहाँ तो सब लुट गया था। किसी के घर का चिराग बुझ गया तो किसी की उम्मीद ना उम्मीदी में बदल गई। एक लापरवाही ने कइयों के घर उजाड़ दिए। मां की गोद सूनी हो गई तो पिता का सहारा छिन गया। किसी की आवाज नहीं निकल रही थी। गांव वाले भी दहाड़ मारकर रो रहे थे। अपनो को खोने के गम में घर वालों को कुछ समझ मे नहीं आ रहा था। इस घटना में मिश्रौली गांव की घटना सबसे दुःखद रही जहाँ एक परिवार ने तीन बच्चों को खोया। बतरौली गांव के 3, मैहिहरवा के 4, पडोरन के 2 और कोकिलपट्ट गांव का भी एक बच्चा अपनी जान गवां बैठा है।4 बच्चों का इलाज गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।

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