कछुए से प्यार ऐसा कि चार कंधों पर निकाली शव यात्रा, रो पड़े शहरवाले

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गुजरात।

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जीव-जंतुओं से प्रेम की मिसाल कायम करने वाली ख़बरें अक्सर हम सभी के सामने से गुजरती हैं। गुजरात के भरूच से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। दरअसल, एक कछुए की मौत के बाद लोग इतना अधिक भावुक हो गए कि बाकायदा अर्थी सजाने के साथ ही शव यात्रा भी निकाली गई। स्थानीय लोगों का मानना है कि कछुए की मौत की वजह तालाब में फैली गंदगी है।

इस बात को लेकर नाराज पशुप्रेमियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। भरूच शहर के ऐतिहासिक रतन तालाब में एक महाकाय कछुए की रविवार को मौत हो गई थी। इस बात की जानकारी जैसे ही आसपास के लोगों को मिली, तालाब के नजदीक लोगों की भीड़ जुटने लगी। इसके बाद लोगों ने मरे हुए कछुए का शव पानी से निकालकर एक हॉल में रखा, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे।कछुए के प्रति स्थानीय लोगों का लगाव देखते हुए यह फैसला किया गया कि उसकी शव यात्रा निकाली जाएगी। इसके लिए उसकी अर्थी सजाई गई, जिसके बाद फूल-मालाओं के साथ कछुए की शव यात्रा निकाली गई। जिला कलेक्टर ऑफिस से होते हुए शव यात्रा वन विभाग के दफ्तर पहुंची। यहां पर पोस्टमॉर्टम के बाद वन विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। गौरतलब है कि रतन तालाब के आसपास रहने वाले लोग रोजाना कछुओं को खाना खिलाते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं, ‘ये कछुए भरूच शहर के सबसे पुराने वासी हैं। इनमें से तो कई कछुओं की उम्र 400 वर्ष तक बताई जाती है।’ कछुए की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। रतन तालाब के नजदीक रहने वाले जीवन भाई दोडिया के मुताबिक, गंदगी की वजह से कछुओं की मौत हो रही है। इस बात की खबर कई बार अधिकारियों को दी जा चुकी है लेकिन वे इस तरफ ध्यान ही नहीं देते हैं।भरूच के ही रहने वाले गौतम दोडिया कहते हैं, ‘कुछ दिनों पहले शहर के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 20 कछुओं को नजदीक के दूसरे कुंड में शिफ्ट किया था। इसके बाद से दो कछुओं की मौत हो चुकी है।’ कछुए की मौत के बाद शव यात्रा निकाले जाने के वक्त लोगों की आंखें भी नम हो गईं।