प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पश्चिम एशिया और खाड़ी के तीन देशों के दौरे के दूसरे चरण में शनिवार को अबू धाबी पहुंचे। पीएम मोदी ने इससे पहले दिन में फिलिस्तीन का दौरा किया। वह यहां अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सशत्र बलों के उपकमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से शनिवार शाम मुलाकात की, जिसमें कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
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पीएम मोदी रविवार को यूएई की राजधानी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखेंगे। यहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं। अगस्त 2015 के बाद उनका यह दूसरा दौरा है।
यूएई में भारतीय राजदूत नवदीप सिंह सूरी ने कहा, ‘अबू धाबी में 55 हजार वर्ग मीटर के जमीन पर पहले हिदू मंदिर का निर्माण होगा और रविवार को यहां होने वाला अभूतपूर्व समारोह एक ऐतिहासिक घटना होगी।’ पीएम मोदी दुबई के ओपेरा हाउस से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मंदिर की आधारशिला रखेंगे। वह वहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी करेंगे।
सूरी ने कहा, ‘यह समारोह ऐतिहासिक होने वाला है क्योंकि इसमें अबू धाबी के पहले हिदू मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी। हम बहुत खुश हैं कि हमें दुबई-अबू धाबी शेख जाएद हाईवे पर अल-रहबा के किनारे पर 55 हजारा वर्ग किलोमीटर की जमीन मुहैया कराई गई है।’
मंदिर को निर्माण, डिजाइन और प्रबंधन में संलिप्त बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘मंदिर का निर्माण 2020 तक हो जाएगा और यह सभी धर्मो के लोगों के लिए खुला रहेगा। यह मध्य पूर्व में हिंदुओं का पहला पारंपरिक पत्थर मंदिर होगा।’
मंदिर का निर्माण भारतीय मंदिर कलाकार करेंगे और इसे यूएई में इसे बनाया (असेंबल किया) जाएगा। यूएई में दो हिंदू मंदिर हैं, लेकिन दोनों दुबई में स्थित हैं। अबू धाबी और अन्य जगहों पर रहने वाले श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना करने के लिए दुबई आना पड़ता है।
मंदिर परिसर में आगंतुक केंद्र, प्रार्थना हॉल, प्रदर्शनी स्थल, बच्चों एवं युवाओं के लिए खेल परिसर, फुड कोर्ट, वाटर फीचर, गिफ्ट की दुकान और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख प्रवक्ता साधु ब्रह्मविहारी दास ने कहा, ‘अबू धाबी के युवराज एवं संयुक्त अरब अमीरात सेना के डिप्टी सुप्रीम कमांडर शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नहयान द्वारा मंदिर की सौगात ‘विश्व को एक कड़ा और शांत संदेश है कि सांस्कृतिक और धार्मिक समावेश से वैश्विक सौहार्द के लिए आगे बढ़ा जा सकता है।’ संस्था के एक सदस्य ने खालीज टाइम्स को बताया कि यह नई दिल्ली में बीएपीएस मंदिर और न्यू जर्सी में बन रहे मंदिर की तरह ही होगा।
बीएपीएस भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अफ्रिका में 1200 मंदिरों का प्रबंधन करता है।
इस बीच, पीएम मोदी के यहां आगमन से पूर्व ही यूएई में बुर्ज खलीफा, दुबई फ्रेम, एडनोक इमारत और एमिरट्स पेलेस को भारतीय तिरंगे के रंग में रंग दिया गया है। यह 34 सालों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यूएई दौरा था। यहां करीब 30 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं।
भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता यूएई 10वां सबसे बड़ा निवेशक भी है। यूएई ने भारत में करीब आठ अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) किया है। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान भारत-यूएई कारोबार करीब 32 अरब डॉलर का था। भारत, यूएई का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है, जबकि यूएई भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है।